भीलवाडा, 12 अप्रैल। जिला मजिस्ट्रेट श्री आशीष मोदी ने अक्षय तृतीया (आखातीज) व पीपल पूर्णिमा के पर्व जिले में बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए जिले के समस्त उपखण्ड मजिस्ट्रेट को दिशा निर्देश जारी किये है।
उन्होंने बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए ग्राम व तहसील स्तर के विभिन्न विभागों के कर्मचारियों, अधिकारियों, वृताधिकारी, थानाधिकारी, बीट कास्टेबल, पटवारियों, भू अभिलेख निरीक्षकों, ग्राम पंचायत सचिवों, ग्राम सेवको, कृषि पर्यवेक्षकों, महिला विकास अभिकरणों एवं महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारियों, पर्यवेक्षकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, अध्यापक, नगर परिषद एवं नगर पालिका के कर्मचारियों, जिला परिषद/पंचायत समिति सदस्यों, सरपंचों तथा वार्ड पंचों को पांबद करते हुए उनके माध्यम से बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रावधानों का व्यापक प्रचार प्रसार करने एवं आमजन को जानकारी देते हुए जन जागृति उत्पन्न करने एवं बाल विवाह रोके जाने के लिए कार्यवाही करने के निर्देश दियें है।
उन्होंने बाल विवाह रोकने के लिए ब्लॉक, ग्राम पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधियों, प्रधान, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच, वार्डपंच आदि के सहयोग लेने के भी निर्देश दियें है।
जिला मजिस्ट्रेट ने उपखण्ड मजिस्ट्रेट को निर्देश दिये कि बाल विवाह की रोकथाम के लिए जन सहभागिता एवं चेतना जागृत करने हेतु एक कार्ययोजना बनाकर कार्य करें। उन्होंने जिला/ब्लॉक/ग्राम स्तर पर गठित विभिन्न सहायता समूह, महिला समूह, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, साथिन, सहयोगिनी के कोर ग्रुप को सक्रिय करने के निर्देश दिये है साथ ही ऐसे व्यक्ति व समूह जो विवाह सम्पन्न कराने में सहयोगी है यथा हलवाई, बैण्ड बाजा, पंडित. बाराती, पाण्डाल व टेंट लगाने वाले ट्रांसपोर्ट, इत्यादि पर बाल विवाह में सहयोग न करने का आश्वासन लेकर और उन्हें कानून की जानकारी देवे। जहां आवश्यक हो, समूहों व संस्थाओं के माध्यम से जन-सहभागिता के कार्यक्रम आयोजित करें। चेतना बैठको का आयोजन करें तथा ग्राम सभाओं में सामूहिक रूप से बाल विवाह के दुष्प्रभावों के बारे में चर्चाकर रोकथाम की कार्यवाही सुनिश्चित करें।
उन्होंने बाल विवाह की रोेकथाम के लिए जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय, समस्त उपखण्ड/तहसीलदार कार्यालयों में कंट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देेश दिये जो 24 घंटे क्रियाशील रहेंगे।