आसींद । रोहित सोनी
श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के सानिध्य में नवकार महामंत्र के सामूहिक जाप की तीसरी वर्षगांठ (156 वी कड़ी)18 फरवरी, रविवार को शाम 7:30 बजे इंद्रमल भंवरी देवी श्रीमाल प्रवचन हाल में आयोजित की जाएगी।
संघ अध्यक्ष चंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि संघ के सानिध्य में पिछले 3 वर्षों से नियमित हर रविवार को नवकार महामंत्र का सामूहिक जाप का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें बड़े उत्साह व श्रद्धा के साथ श्रद्धालुगण भाग ले रहे हैं। जाप के पश्चात गुप्त लाभार्थी परिवारों द्वारा भाग्यशाली विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किया जा रहा है।
नवकार महामंत्र एक शाश्वत मंत्र हैं इसके जपने से शाश्वत सुखो की प्राप्ति होती हैं। नवकार महामंत्र का व्यक्ति के शरीर, मन और आत्मा पर सबसे शक्तिशाली प्रभाव पड़ता है। यह सभी पापों को धो सकता है और व्यक्ति को आध्यात्मिक विकास और संतुष्टि की ओर ले जा सकता है। नवकार महामंत्र पांच प्रकार का नमस्कार है जो जाप करने वालों के सभी पापों को नष्ट कर सकता है।
नवकार महामंत्र में पांच पद होते हैं पहला पद नमो अरिहंताणं दूसरा पद नमो सिद्धाणं, तीसरा पद नमो आयरियाणं, चौथा पद नमो उवज्झायाणं,पांचवा पद नमो लोए सव्वसाहूणं इस तरीके से पांच पद होते हैं जिनमें 35 अक्षर व 58 मात्राएं होती हैं। नवकार महामंत्र के जाप से दिमाग से सकारात्मक ऊर्जा निकलती हैं, जिससे नकारात्मक विचार कम हो जाते हैं।
*नवकार मंत्र का अर्थ*
नमो अरिहंताणं – अरिहंतो को नमस्कार हो
नमो सिद्धाणं- सिद्धो को नमस्कार हो
नमो आयरियाणं- आचार्यों को नमस्कार हो
नमो उवज्झायाणं- उपाध्यायों को नमस्कार हो
नमो लोए सव्वसाहूणं- लोक के सभी साधुओं को नमस्कार हो
*नवकार महामंत्र शक्तिशाली क्यों है?*
नवकार मंत्र का जाप करते समय वास्तविक व्यक्तियो से अधिक पंच परमेष्ठी के गुणों को अधिक महत्व दिया जाता है। नवकार मंत्र का उद्देश्य किसी भी व्यक्तिगत इकाई के प्रति अहंकार या लगाव के बिना आध्यात्मिक रूप से प्रगति करना है। यह एक गहन एवं अत्यंत शक्तिशाली मंत्र हैं इसलिए इसे सभी मंत्रो का राजा भी माना जाता है।