राजेश जीनगर
भीलवाड़ा/जहां एक और शहर के तापमान ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर रखा है और ए.सी. कुलर तक भी जवाब दे रहे हैं। ऐसे में सब सुख सुविधाओं का त्याग कर अपने पापी पेट की मजबूरी और दो पैसे की आस लिए यह वृद्धा खजुर से बनी पंखिया बेचने के लिए बाजार में निकल पड़ी। जबकि तपती दोपहरी में आम आदमी आदमी मार्केट में निकलने से भी घबराहट महसूस कर रहा है तो वहीं दोपहर तक बाजार में सन्नाटा सा पसर जाता है।