मुकेश खटीक
मंगरोप।कस्बे में खटीक समाज ने होली के दूसरे दिन धूलंडी पर ढूंढोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया।खटीक समाज ढूंढोत्सव समिति सदस्य सुरेश चन्द्र खटीक ने बताया कि ढूंढोत्सव कार्यक्रम एक वर्ष के अंतराल में जन्मे बच्चों का नाम थरपने(नाम करण संस्कार)की परम्परा है इसमें ढूंढोत्सव समिति के सदस्य इकट्ठे होकर नव जन्मे बच्चों के घर जाते है बच्चे की बुआ उसे गोद में लेकर दहलीज पर खड़ी हो जाती है समिति के सदस्य बच्चे का पांच बार नाम पुचकारते हुए दरवाजे पर नीम के पत्ते लगी बांस की बड़ी लकड़ी पर सभी मौजूद सदस्य डन्डे मारते है बच्चे के परिजन समिति को शगुन तौर पर बख्शीश व मिठाई देते है।गांव में खटीक समाज के करीब 12 बच्चों का ढूंढोत्सव मनाया गया।चांदमल,रामप्रसाद,भेरूलाल,जमनालाल,नाथुलाल,सोहनलाल,शंकरलाल,चुन्नीलाल,हीरालाल खटीक,केशरीमल, बालूलाल आदि ने अपने पौत्र के जन्म के बाद समाज के पारम्परिक रीति रिवाज के अनुसार अपने पोते का ढूंढोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया।गणपतलाल,कमलेश,कैलाशचंद्र,लोकेश खटीक,दुर्गेश खटीक सहित करीब 43 सदस्यों ने इस परम्परा का निर्वहन किया।खटीक समाज में यह परम्परा करीब 130 साल से चली आ रही है।