चित्तौड़गढ़ । चित्तौड़गढ़ जिले के निम्बाहेड़ा क्षेत्र में अवैध हथियारों की आवाज़ सिर्फ जंगल तक सीमित नहीं थी, बल्कि उसका असर शहर की गलियों तक महसूस किया जा रहा था। कोतवाली निम्बाहेड़ा थाना पुलिस की सतर्क कार्रवाई ने उस खामोश खतरे को बेनकाब कर दिया, जो लंबे समय से कानून की नजरों से बचकर घूम रहा था। 12 बोर दो नाल बंदूक के साथ एक आरोपी और उसे हथियार उपलब्ध कराने वाले दूसरे व्यक्ति की गिरफ्तारी ने अवैध हथियार सप्लाई चेन पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। पुलिस जांच की कड़ी एक पुराने मामले से जुड़कर आगे बढ़ी। पहले पकड़े गए आरोपी से हुई पूछताछ में सामने आया कि अवैध हथियारों का लेन-देन कोई तात्कालिक घटना नहीं, बल्कि महीनों से चल रही सुनियोजित गतिविधि थी। यही जानकारी पुलिस के लिए अहम सुराग बनी। सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने इलाके में सक्रियता बढ़ाई और इन्द्रा कॉलोनी से लेकर आसपास के क्षेत्रों में गहन पड़ताल शुरू की। जांच के दौरान पुलिस को यह पता चला कि आरोपी शिकार खेलने के बहाने जंगल की ओर गया है। यह संकेत मामूली नहीं था, क्योंकि ग्रामीण अंचलों में अवैध हथियार अक्सर इसी आड़ में इस्तेमाल किए जाते हैं। पुलिस टीम ने समय गंवाए बिना भैरूखेड़ा के जंगलों की ओर रुख किया। वहां आरोपी को अवैध 12 बोर दो नाल बंदूक के साथ पकड़ लिया गया। जंगल की शांति को भंग करने वाला यह हथियार, कानून की पकड़ में आते ही खामोश हो गया। इस कार्रवाई ने यह भी साफ कर दिया कि अवैध हथियार केवल अपराध के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा हैं। एक हथियार जब गलत हाथों में जाता है, तो वह सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, पूरे क्षेत्र की शांति को प्रभावित करता है। पुलिस ने हथियार जब्त कर आरोपी को गिरफ्तार किया और आगे की कड़ियां जोड़ते हुए हथियार उपलब्ध कराने वाले व्यक्ति तक भी पहुंच गई।


