ऑडिटोरियम में घटिया एसी व कुर्सियां लगाने की हुई थी जांच, एसीबी ने यूआईटी से तलब किए दस्तावेज़
भीलवाड़ा (राजेश जीनगर) । यूआईटी द्वारा 12 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया राजीव गांधी ऑडिटोरियम के सोन्दर्यकरण पर सुखी झाड़ियां कालिख पोतने का काम कर रही है। वहीं, बताया जाता है की इसके बीच में हालात ऐसे हो गए थे की ये कभी भी धराशाई हो सकता है। क्योंकि इसके बेसमेंट के पिल्लर ऐसी स्थिति में पहुंच गए हैं कि वे इस विशाल इमारत का भार नहीं झेल सकते। ऑडिटोरियम के बारे में मिल रही शिकायतों को देखते हुए एक्सईएन याकूब भाटी को मौका निरीक्षण कर वास्तविक रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। एक्सईएन भाटी ने ऑडिटोरियम को असुरक्षित मानते हुए इसकी रिपोर्ट तैयार कर एसई ओएसडी को सौंप दी है। उन्होंने इसकी वीडियोग्राफी भी कराई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि घटिया निर्माण सामग्री और कई तकनीकी कमियों के कारण ऑडिटोरियम के बेसमेंट के पिलरों में बड़ी-बड़ी दरारें गई हैं। रिपोर्ट के निष्कर्ष में यह बताया गया है कि ऑडिटोरियम किसी तरह से सुरक्षित नहीं है और यह कभी भी बड़े हादसे का सबब बन सकता है। जबकि ओएसडी, एसई ने रिपोर्ट मिलने से इनकार किया था। ऑडिटोरियम का निर्माण 2007-08 में कमल बिल्डर द्वारा किया गया था और लोकार्पण सितंबर 2008 में हुआ। इसमें एक हजार लोगों के बैठने की क्षमता है। इसमें नॉन एसी एसी इनडोर स्टेडियम, विवाह समारोह स्थल, एग्जीबिशन हॉल, कांफ्रेंस हॉल, स्केटिंग ग्राउंड दो टेनिस कोर्ट हैं।
ऑडिटोरियम में घटिया एसी व कुर्सियां लगाने की हुई थी जांच, एसीबी ने यूआईटी से तलब किए थे दस्तावेज़
ऑडिटोरियम के एसी व कुर्सियों की क्वालिटी खराब होने के संबंध में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में परिवाद भी दर्ज करवाया गया था। जिसमें एएसपी ब्रजराज सिंह ने मुख्यालय के निर्देश पर जांच शुरू की थी। उन्होंने ऑडिटोरियम के निर्माण व उद्घाटन से वर्ष-2015 तक के दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए यूआईटी सचिव को पत्र लिखा था। जिसमें बताया कि यूआईटी के तत्कालीन एक्सईएन एसएस गम्भीर व अन्य के खिलाफ एसीबी में प्रकरण संख्या 51/2015 दर्ज है।
ऑडिटोरियम निर्माण एजेंसी आवास विकास लिमिटेड को जारी कार्य आदेश, एग्रीमेन्ट व संस्था को किए भुगतान व कंसलटेंसी एजेंसी मैसर्स बहल जोशी एंड कम्पनी को अधिकृत करने का कार्यआदेश, एग्रीमेन्ट व भुगतान की प्रमाणित पत्रावली तलब की। इसी प्रकार, एसीबी ने ऑडिटोरियम के उद्घाटन के बाद से वर्ष-2015 तक एसी के संबंध में प्राप्त शिकायत व उसके निस्तारण के दस्तावेज, एसी का काम करवाने के सम्बन्ध में कंसलटेंट की ओर से किए गए निरीक्षण व उसकी निरीक्षण रिपोर्ट भी मांगी।ऑडिटोरियम के उद्घाटन बाद से वर्ष-2015 तक एसी की बुकिंग व प्राप्त किराया राशि का विवरण भी देने के लिए कहा गया था।
तत्कालीन कलेक्टर भट्ट ने बंद करवाई थी, खेलकूद प्रतियोगिताएं
तत्कालीन जिला कलक्टर एवं न्यास प्रशासक राजेन्द्र भट्ट ने ऑडिटोरियम में होने वाली खेलकूद प्रतियोगिताएं बंद करवाई थी, उनका मानना था की ऑडिटोरियम में जिला स्तरीय समेत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होते है, ऐसे में यहां खेल गतिविधियां प्रभावित होती है। यहां स्थापित बैडमिंटन कोर्ट को हटाकर कलक्ट्रेट परिसर स्थित बहुद्देश्यीय हाल में स्थापित की गई। इसके लिए न्यास ने सोलह लाख रुपए की लागत से बहुद्देश्यीय हाल मे नई सुविधाएं जुटाई। भट्ट ने ऑडिटोरियम सभागार की सभी कुर्सियां बदलने और मंच को भव्य बनाए जाने, ध्वनि प्रसारण की व्यवस्था सुधारने, ऑडिटोरियम के सम्पूर्ण सौंदर्यकरण के साथ ही के कई हिस्सों में आ रही दरारों को भी दुरुस्त करने की बात कही थी। जिसको लेकर न्यास बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पेश कर निविदाओं पर मंजूरी ली जानी थी।
कलेक्टर मेहता ने भी किया, ऑडिटोरियम का निरिक्षण
जिला कलक्टर नमित मेहता ने भी 11 मई 2024 को नेहरू उद्यान, राजीव गांधी ऑडिटोरियम, आरसी व्यास कॉलोनी स्थित इंदिरा गांधी सामुदायिक भवन, मानसरोवर झील सहित पटेल नगर विस्तार स्थित नगर वन योजना में प्रस्तावित विभिन्न विकास कार्यों का अवलोकन किया। मेहता ने राजीव गांधी ऑडिटोरियम का निरीक्षण किया और जल्द से जल्द ऑडिटोरियम के जीर्णोद्धार का प्रस्ताव बनाने और ऑडिटोरियम को जल्द क्रियाशील अवस्था में लाने के लिए युआईटी अधिकारियों को निर्देशित किया।