भीलवाड़ा । होलिका दहन से एक दिन पूर्व यानी 12 मार्च को शहर के मोखमपुरा रोड पर गोवंश के अवशेष मिले थे जिसके बाद हिंदू संगठनों में आक्रोश फैल गया । मौके पर पुलिस पहुंची और तीन चिकित्सकों की टीम से जिला पशु चिकित्सालय में अवशेष का पोस्टमार्टम करवाया गया जिसमे चिकित्सकों ने गाय के बछड़े को श्वानों द्वारा नोचकर सड़क किनारे फेकना बताया था । इससे पूर्व हिंदू संगठनों ने कार्यवाही की मांग को लेकर जिला पशु चिकित्सालय के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया था । बाद में धर्म गुरुओं की अपील के बाद तीन दिन मामला शांत रहा लेकिन इस मामले ने सोमवार को दोबारा तुल पकड़ लिया । पुलिस ने बताया की सीसीटीवी फुटेज के आधार पर और गांव में जांच पड़ताल करने के बाद पता चला की उक्त बछड़ा सायरी देवी की गाय का था जो घटना से चार दिन पहले ही जन्मा था और बीमार होने की वजह से दो दिन बाद उसकी मौत हो गई मृत बछड़े को महिला ने टेक्सटाइल कॉलेज के जंगल में फेक दिया था जिसे श्वान उठाकर लेकर आए और मोखमपुरा रोड पर चारभुजानाथ मंदिर के पीछे डाल दिया । वही इस मामले को लेकर थाने में एक युवक द्वारा 15 मार्च को बंद लिफाफे में समुदाय विशेष के नामजद लोगो के खिलाफ रिपोर्ट दी गई थी । उधर कार्यवाही से नाखुश हिंदू संगठनों में सोमवार रात फिर से आक्रोश उत्पन्न हो गया और प्रतापनगर थाने के बाहर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे हो गए और विरोध जताते हुए धरना प्रदर्शन करने लगे और सुंदरकांड पाठ किया। वही आरोप लगाया की रिपोर्ट देने के बाद भी पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं हुई और जो कार्यवाही हुई उससे हम संतुष्ट नही है न मामला दर्ज किया और पोस्टमार्टम रिपोर्ट को भी गलत बताते हुए समुदाय विशेष के लोगो पर ऐसा कृत्य करने का आरोप लगाया । पुलिस द्वारा समझाइश के प्रयास किए गए लेकिन हिंदू समाज के लोग और विभिन्न संगठन प्रदर्शन करते रहे और पुलिस से मामला दर्ज कर निष्पक्ष जांच करते हुए कार्यवाही की मांग की । साथ ही हिंदू संगठनों ने रिपोर्ट देने वाले परिवादी से पुलिस द्वारा थाने में बुलाकर अभद्रता करने का भी आरोप लगाया । हिंदू संगठन के पदाधिकारियों ने बताया की पहले भी कृष्ण जन्माष्टमी पर हनुमान मंदिर के बाहर गाय की पूछ काटकर फेकी गई और अब वापस होली के त्योहार के समय वैसा ही कुछ समुदाय विशेष के लोगो द्वारा किया गया है गोवंश की गर्दन काटकर उसे फेका गया । हिंदू त्योहारों को बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है और हिंदू समाज के त्योहारों को टारगेट बनाया जा रहा है ।