मुकेश खटीक
मंगरोप।कस्बे की सरकारी सीनियर स्कूल में 2020 में एक बोर्ड लगाया गया था।उस समय कुछ कर्मचारियों ने सेवा पूरी कर ली थी।कुछ अब इस दुनिया में नहीं रहे। इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन ने बोर्ड को अब तक नहीं हटाया।बोर्ड पर उन कर्मचारियों के नाम दर्ज हैं,जो अब स्कूल से जुड़े ही नहीं हैं।स्थानीय लोगों का कहना है कि जब कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए या उनका निधन हो गया,तो बोर्ड का कोई औचित्य नहीं बचता।फिर भी स्कूल प्रबंधन ने इसे हटाने की जरूरत नहीं समझी।सवाल उठ रहा है कि स्कूल के जिम्मेदार आखिर इस बोर्ड को दिखाकर क्या संदेश देना चाहते हैं।लोगों ने इसे लापरवाही बताया है।उनका कहना है कि स्कूल में नए बच्चों को पुराने कर्मचारियों एवं शिक्षकों के नाम दिखाकर भ्रमित किया जा रहा है।शिक्षा विभाग को इस पर ध्यान देना चाहिए।