भीलवाड़ा । नव वर्ष 2026 में दो सूर्यग्रहण व दो चंद्रग्रहण होंगे। जवाली के ज्योतिषी पंडित विपन शर्मा ने बताया कि साल 2026 में दो-दो सूर्यग्रहण व चंद्रग्रहण के कारण राजनीतिक उथल-पुथल, वैश्विक तनाव और प्राकृतिक आपदाओं के रूप में मिश्रित प्रभाव हो सकता है। 2026 में ग्रहों के मंत्रिमंडल में मंगल का मंत्री होना और ग्रहणों का प्रभाव, विशेषकर फरवरी का सूर्य ग्रहण जो कुंभ राशि में होगा, सत्ता और प्रशासन से जुड़े मामलों को प्रभावित कर सकता है। इससे भारत और दुनिया भर में राजनीतिक अस्थिरता, टकराव के हालात और विद्रोह की घटनाएं देखी जा सकती हैं। 2026 के दौरान अत्यधिक ठंड, भारी बारिश, बाढ़ और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं की संभावना जताई गई
जवाली के ज्योतिषी पंडित विपन शर्मा ने बताया कि साल 2026 का पहला सूर्यग्रहण 17 फरवरी 2026 मंगलवार के दिन लगेगा। यह भारत में दृश्यमान नहीं होगा लेकिन ये दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण अर्जेंटीना और अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा। संयोग से यह ग्रहण अमावस्या के दिन लगेगा और वलयाकार सूर्यग्रहण होगा, यानी आसमान में सूर्य के चारों ओर आग की तरह चमकदार रिंग दिखाई देगी, जिसे रिंग ऑफ फायर कहा जाता है। दूसरा सूर्यग्रहण 12 अगस्त 2026, बुधवार के दिन लगेगा। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा यानी सूर्यग्रहण कुछ समय के लिए पूरी तरह ढक जाएगा।


