सबहेडलाइन:
मुख्य स्नान पर्वों पर बढ़ेगी बसों की संख्या, झूंसी और नैनी बनेंगे प्रमुख केंद्र; 200 बसें रहेंगी रिजर्व में ऑन-डिमांड सेवा के लिए तैयार
ब्यूरो रिपोर्ट
प्रयागराज।स्मार्ट हलचल|माघ मेला 2026 को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) ने इस बार बड़े स्तर पर तैयारी कर ली है। श्रद्धालुओं की सुविधा और निर्बाध आवागमन सुनिश्चित करने के लिए रोडवेज की ओर से 2800 बसों का संचालन किया जाएगा। साथ ही 200 बसों को रिजर्व में रखा जाएगा ताकि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें तुरंत सेवा में उतारा जा सके।
एक जनवरी से शुरू होगा बस संचालन
तीन जनवरी से शुरू हो रहे माघ मेला से पहले ही एक जनवरी से बसों का संचालन शुरू हो जाएगा। इससे मेला क्षेत्र में आने-जाने वाले यात्रियों को आसानी होगी और ट्रैफिक व्यवस्था पर भी दबाव कम रहेगा।
भीड़ को देखते हुए बनाया गया विस्तृत संचालन प्लान
रोडवेज अधिकारियों के मुताबिक, पिछले वर्षों की तुलना में इस बार श्रद्धालुओं की संख्या अधिक रहने का अनुमान है। इसलिए इस बार संचालन योजना को महाकुंभ की तर्ज पर तैयार किया गया है। मुख्य स्नान पर्वों — पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी और माघी पूर्णिमा — पर बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
इन पर्वों के दौरान सिविल लाइंस और जीरो रोड बस स्टेशनों से बस संचालन अस्थायी रूप से बंद रहेगा, ताकि मेला क्षेत्र की यातायात व्यवस्था पर कोई असर न पड़े।
झूंसी और नैनी बनेंगे प्रमुख केंद्र
मेला अवधि में झूंसी स्थित अस्थायी बस स्टेशन संचालन का मुख्य केंद्र होगा। यहां से सामान्य दिनों में 730 बसें चलेंगी, जबकि मुख्य स्नान पर्वों पर यह संख्या 1440 तक पहुंच जाएगी। इसके अलावा 100 बसें रिजर्व में रहेंगी।
झूंसी से गोरखपुर, देवरिया, मऊ, आजमगढ़, बलिया, बदलापुर, वाराणसी और टांडा मार्गों पर बसें संचालित की जाएंगी।
इसी तरह नैनी लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा, चित्रकूट, मिर्जापुर और रीवा के लिए सामान्य दिनों में 260 बसें, जबकि स्नान पर्वों पर 590 बसें चलेंगी।
सिविल लाइंस और जीरो रोड से भी अतिरिक्त सेवाएं
सिविल लाइंस बस स्टेशन से लखनऊ, फैजाबाद, गोंडा, बस्ती, वाराणसी और कानपुर मार्गों के लिए सामान्य दिनों में 380 बसें, जबकि मुख्य स्नान पर्वों पर 430 बसें चलाई जाएंगी।
जीरो रोड बस स्टेशन से भी 95 बसें मेला अवधि के दौरान संचालित होंगी।
कई रीजन की बसें होंगी शामिल
माघ मेले के दौरान प्रयागराज में गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी, अयोध्या, कानपुर, चित्रकूटधाम, लखनऊ, झांसी और देवीपाटन रीजन की बसें भी विशेष सेवा में लगाई जाएंगी।
कानपुर रूट की कुछ बसें लीडर रोड से संचालित होंगी, जिससे सिविल लाइंस और जीरो रोड बस स्टेशनों पर भीड़ का दबाव कम होगा।
महाकुंभ जैसी व्यवस्था, यात्रियों के लिए सुविधाएं तैयार
रोडवेज प्रशासन ने बताया कि इस बार माघ मेले की तैयारियां महाकुंभ जैसी भव्यता के साथ की जा रही हैं। अस्थायी बस स्टेशनों पर यात्रियों के लिए बैठने की व्यवस्था, पेयजल, शौचालय, दिशा-निर्देश बोर्ड और सूचना केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।
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संक्षेप में:
माघ मेला 2026 के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यूपी रोडवेज की 2800 बसें सड़कों पर दौड़ेंगी, जबकि 200 बसें रिजर्व रहेंगी।
एक जनवरी से बस संचालन शुरू होकर पूरे मेला काल में निरंतर चलता रहेगा — जिससे देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा हो सकेगी आसान, सुरक्षित और सुगम।


