4 साल से प्रधानाचार्य अधिकारियों को बार बार मरम्मत के लिए लिखते रहे पत्र, सीबीईओ ने प्रस्ताव भी भेजा
10 लाख की मरम्मत के लिए मिली स्वीकृति,टेंडर हुआ,काम शुरू नहीं किया,झालावाड़ हादसे के बाद आज से विद्यालय सामुदायिक भवन में स्थानांतरित के आदेश
शाहपुरा(किशन वैष्णव)उपखंड क्षेत्र के निकटवर्ती गांव रूपपुरा में राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय पिछले 4 वर्ष से जर्जर अवस्था में है। कंडम घोषित होने की स्थिति में है। कुल 7 कमरे हैं जिनमें 8 क्लास ह संचालित होती थी 2021 एक कमरे की पट्टीया टूट गई तथा 2 कमरे में दरार आ रही है।2 कमरों में कार्यालय और स्टाफ रुम है। बाकी के कमरों में छात्रों को बिठाया जाता हैं लेकिन वो भी जर्जर अवस्था में है बारिश में छत टपकती है तब कुछ क्लासों को जर्जर बरामदे में ही बैठाकर पढ़ाया जाता है।4 साल से शिक्षक और छात्रों की जान खतरे में हैं छात्रों की जान की परवाह में सहमे हुए शिक्षक बार बार उच्च अधिकारियों को मरम्मत का स्मरण कराते रहे।4 अक्टूबर 2021 को तत्कालीन प्रधानाचार्य ने पदेन पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर खस्ताहाल विद्यालय भवन ओर छात्रों की जान पर जोखिम होने की स्थिति से अवगत कराया।जिसके बाद 8 अक्टूबर 2021 को मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी समग्र शिक्षा संघ ब्रह्माराम चौधरी ने विद्यालय प्रधानाचार्य को पत्र लिख कर 4 अक्टूबर 2021 के पत्र के संदर्भ में सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता को पत्र लिखकर मरम्मत के लिए तकमीना बनवाकर अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वय समग्र शिक्षा संघ कार्यालय भीलवाड़ा भिजवाने को निर्देशित किया। 22 सितंबर 2021 को राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय रूपपुरा की तत्कालीन प्रधानाध्यापिका ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता को मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी समग्र शिक्षा संघ भीलवाड़ा के पत्र क्रमांक के जरिए पत्र लिखा ओर अवगत कराया कि राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय रूपपुरा की 1 कक्षा कक्ष की पट्टीया टूट गई तथा दो कक्षा कक्ष की पट्टीयो में दरारे आ गई हैं। इसकी मरम्मत के लिए इसका तकमीना बनवाया जाए।जिसके बाद 27 अक्टूबर 2021 को वापस सार्वजनिक निर्माण विभाग को पत्र लिख कर तकमीना तैयार करवाने को आग्रह किया।जिसके बाद 2023 में प्रधानाचार्य मुनीर हुसैन ने फिर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को लिखित शिकायत पत्र भेजा था।जिसके बाद 6 अगस्त 2024 को भवन मरम्मत के लिए 15 लाख रुपए का प्रस्ताव बनाकर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी द्वारका प्रसाद शर्मा ने अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक समग्र शिक्षा संघ भीलवाड़ा को भेजा । प्रधानाचार्य प्रधानाचार्य मुनीर हुसैन ने बताया कि 10 लाख रुपए की अगस्त 2024 में स्वीकृति भी मिली टेंडर जारी हुआ लेकिन फिर से टेंडर कैंसिल हो गया।2021 से 25 तक 5 वर्ष समाप्त होने आए हैं।2021 में जर्जर कमरे की पट्टीया टूटने के बाद तक तक उसे बंद कर दिया गया है वही जुलाई 2024 में दूसरा कक्षा कक्ष जिसकी भी पट्टीया टूटी हुई हैं तथा जर्जर है उसे भी ताला लगाकर बंद कर दिया गया है।तथा नोटिस चस्पा कर ताला नहीं खोलने को निर्देशित किया।कीचन भी खस्ताहाल में है तथा शेष कमरे भी जर्जर है लेकिन 4 वर्ष से प्रधानाचार्य और विभाग मरम्मत के लिए बार बार उच्च अधिकारियों को अवगत करा रहा है लेकिन आज तक ना तो मरम्मत हुई ओर ना 4 वर्षों में अन्यत्र स्थानांतरित किया गया।
झालावाड़ हादसे के बाद स्कूल को सामुदायिक भवन में स्थानांतरित के आदेश।
पिछले 4 वर्ष से खस्ताहाल ओर जर्जर विद्यालय की पट्टीया टूटने ओर छत टपकती हुई देखने के बाद बार बार शिकायत के बाद भी 4 साल तक शिक्षा विभाग ने छात्रों के सुरक्षा के हित में कोई कदम नहीं उठाया।सुरक्षा के प्रति लापरवाही बरतता रहा। झालावाड़ में हादसे के बाद विभाग ओर प्रशाशन की आंखे खुली और 26 जुलाई को पीईईओ कार्यालय से आदेश जारी किया गया जिसमे 1 से 5 तक कक्षा को गांव के सामुदायिक भवन में स्थानांतरित करने एवं 6 से 8 तक को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में स्थानांतरित करने का आदेश जारी किया।ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि 4 वर्ष से जीर्णशीर्ण ओर टपकती तथा टूटी हुई पट्टीयो के बावजूद ऑफिस ऑफस पत्र भेजने के बजाय स्कूल अन्यत्र स्थानांतरण क्यों नहीं किया।तथा मुक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के प्रस्ताव पर 10 लाख की स्वीकृति के बाद टेंडर जारी होने के बाद मरम्मत कार्य शुरू क्यों नहीं किया गया।
बार बार पत्र ओर शिकायत के बाद टेंडर जारी हुआ ओर फिर से निरस्त हो गया।
4 वर्ष तक बरामदे ओर जर्जर भवन में संचालित हुई स्कूल।
2021 से आज तक लगातार कागजों में कार्यवाही होती रही.विद्यालय रूपपुरा के तत्काली प्रधानाध्यापिका ने छात्रों के हित में आवाज उठाते हुए पत्र लिखा उसके बाद एक दूसरे को पत्र लिखते लिखते 4 वर्ष पूरे हो गए,आज तक विद्यालय की मरम्मत नहीं हुई।दोनो पट्टीया टूटे कमरों को ताला लगाकर उनके बाहर खतरे का संकेत नोटिस चस्पा कर दिया की कोई ताला ना खोले।ओर बरामदा में छात्रों की पढ़ाई व्यवस्था चल रही है।