सवाईपुर (सांवर वैष्णव ):- सवाईपुर कस्बे के एक ओर कोठारी डेढ़ किमी, तो दुसरी ओर बनास नदी चार किमी दूर से निकल रही है, लेकिन फिर भी गिरते जलस्तर के अभाव में कुओं, बावडियो, नलकुपो सहित अन्य जलस्त्रोतों पर गर्मियों में संकट गहरा जाने से जमीन पर फसल उत्पादन प्रभावित रहता है, ग्रामीण शांतिलाल आचार्य बताते हैं कि सवाईपुर सहित आसपास की ग्राम पंचायत वर्तमान राज्य सरकार में बडा योगदान रहा हो, लेकिन राजनेताओं का चुनाव बाद नजर मोड़ लेना मानो स्वभाव ही बन गया हो । सवाईपुर गांव से महज डेढ़ किमी दूर कोठारी नदी जिसके आसपास उपजाऊ जमीन पर किसान फसल उपजाता है, लेकिन पानी के अभाव में कम उत्पादन होता है । कारण नदी में कोई बडा जलस्त्रोत एनीकट नही है, दो जिलों के बीच बहने वाली कोठारी नदी पर 12 अप्रैल 1982 को अकाल राहत के तहत एनीकट का निर्माण शुरू हुआ । अकाल के दौरान किसानो व आसपास के ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना न रहा, लेकिन कुछ समय निर्माण के बाद राजनीतिक द्वेशता की भेंट चढ़कर धराशाही हो गया । यह निर्माण सातोला का खेड़ा सरपंच अमरसिंह के कार्यकाल में हुआ । करीब अट्ठाइस वर्ष तक किसी राजनेता की इस पर नजर नहीं पड़ी । 2010 में सवाईपुर सरपंच अमरचंद गाडरी ने महानरेगा के तहत करीब चालीस लाख रुपए की लागत से जीरो लेवल एनीकट स्वीकृत करवाकर निर्माण शुरू हुआ, वह भी एक ढाक तीन पात वाली कहावत चरितार्थ होकर 50 फीसदी कार्य पूर्ण होने के साथ बंद हुआ, जो चौदह वर्ष बीतने पर भी जनता की मेहनत की कमाई का पैसा यू ही व्यर्थ रेत के नीचे आधा अधूरा दबा हिलोरे खा रहा है, क्यों कि निर्माण पूरा हुआ नही पानी रुकता नही जमीन फसल उत्पादन उगलती नही, सिर्फ चुनाव के दरम्यान एनीकट बनाने का वादा कर गाने की तरह वादा कर भूल जावोगे की तर्ज अब तक निभाते आ रहे हे ।
इनका ये कहना
शांतिलाल आचार्य सहित ग्रामीणों का कहना है कि कोठारी नदी किनारे सवाईपूर सालरिया मार्ग के पास कोठारी नदी पर 41 वर्ष पूर्व हुआ एनीकट निर्माण आधा अधूरा पड़ा है जिससे सरकार द्वारा लगाई पूंजी किसी काम नही आ रही है । राज नेताओ, सरकार संज्ञान में लेकर निर्माणाधीन की अमलीजामा पहनाकर अन्नदाताओं को राहत दिलावे ।
महावीर सुवालका ग्राम पंचायत सवाईपुर का कहना हे कि सवाईपुर सहित आसपास के गांवों का जमीनी जलस्तर रिचार्ज के लिए बड़ा जलस्त्रोत नही है, गांव के दोनो तरफ कुछ किमी दूरी पर कोठारी व बनास नदिया बहती है, लेकिन बड़ा जलस्त्रोत नही होने से जमीनी जलस्तर गहरा होने से काश्तकारों को फसल उत्पादन पर खासा असर पड़ता हे । जिससे किसानों सहित ग्रामीणों में आक्रोश है । एनिकट निर्माण से जलस्तर के साथ ही पर्यावरण को बढ़ावा मिलेगा ।
शिवलाल सहायक अभियंता सिंचाई विभाग कोटड़ी ने बताया कि 10 अगस्त 2021 को कोठारी एनिकट का रेनिव्यूल हेतु डीएमएफटी के तहत एक करोड़ रुपए की सेक्शन भेज रखी हैं, जिनकी अभी तक स्वीकृति नहीं हुई है ।
एनीकट निर्माण के लिए प्रस्ताव बनाकर भेज रखा है, आचार संहिता के कारण नहीं हो पाया, आचार संहिता हटते ही स्वीकृति जारी कर दी जाएगी ।
गोपीचंद मीणा विधायक जहाजपुर कोटड़ी