भीलवाड़ा 17 मार्च / स्थानीय गुलशन नगर निवासी मोहम्मद सलीम काजी के पोते और मोहम्मद जावेद के लाडले 6 वर्षीय मासूम शायान काजी ने अपनी जिंदगी का पहला रोजा रविवार को रखा ।
7 वर्ष की आयु से रोजे रखना फर्ज माना गया है इसलिए 7 वर्ष की आयु में कई मासूमो ने पहला रोजा रखा मगर दिन की तेज गर्मी में भूख और प्यास के कठिन दौर से गुजर कर त्याग तपस्या और मजहबी इबादत का संदेश देने वाले इस 6 वर्षीय मासूम काजी के पहले रोजे की कामयाबी पर परिवारजन सहित रिश्तेदार और पड़ोसियों ने खुशी का इजहार करते हुए शायान को फूल मालाओं से लाद दिया और नगद पुरस्कार देकर बच्चे की हौसला अफजाई की ।
माहे रमजान 2025 के मजले रोज़े की सेहरी का वक्त प्रातः 5: 17 रहा जिसके पहले कुछ भी खाया पीया जा सकता हैं और रोजा खोलने का इफ्तार टाइम 6:44 पीएम है इसके बाद रोजा खोलकर मगरिब और ईशा की नमाज के बाद तराबीह की नमाज अदा की जाती है , इबादत के इस माह में दुआएं कबूल होने की मान्यता है और इसी माह में कुरान नाजिल हुआ इसलिए रमजान को पवित्र महीना मानकर इबादत की जाती है। यह महीना अमीर और गरीब के बीच की खाई को कम करता है क्योंकि इस्लाम में खैरात , ज़कात और इमदाद करना फर्ज माना गया है ।