दिलखुश मीणा
सावर (अजमेर)@स्मार्ट हलचल|सावर उपखंड क्षेत्र के गिरवरपुरा में बनने वाले राजकीय जनजाति आवासीय विद्यालय भवन का निर्माण अब सवालों के घेरे में है। 14 करोड़ 35 लाख 46 हजार रुपये की लागत से हो रहे इस प्रोजेक्ट में घटिया सामग्री का इस्तेमाल देख ग्रामीण भड़क उठे। मंगलवार को सैकड़ों ग्रामीण एसडीएम कार्यालय पहुंचे और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए जमकर हंगामा किया।
मानकों की धज्जियां, नींव तक घटिया कार्य
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जैन मेसर्स कंस्ट्रक्शन कंपनी को यह बड़ा ठेका मिला है, लेकिन मानकों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। नींव तक गहराई नहीं रखी गई, मिट्टी साफ दिखाई दे रही है और घटिया क्वालिटी की सामग्री भरी जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की लापरवाही से भवन मजबूत तो क्या, कभी भी ढह सकता है।
रात के अंधेरे में हो रहा भ्रष्टाचार
ग्रामीणों ने बताया कि जब उन्होंने आवाज उठाई तो ठेकेदार ने सुधार करने के बजाय रात में चोरी-छिपे काम करवाना शुरू कर दिया। लोगों ने चेतावनी दी कि अगर तुरंत घटिया कार्य बंद नहीं हुआ तो वे अजमेर-कोटा स्टेट हाइवे जाम कर देंगे।
सैकड़ों ग्रामीणों की गूंज
ज्ञापन देने वालों में पूर्व सरपंच तुफान मीणा, मथरा लाल प्रतिहार, कैलाश चंद्र, शिवराज नेता, गोकुलराम, ओमप्रकाश मीणा, मुलचंद, गोपाल, लाला समेत सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।
विद्यार्थियों की जान पर संकट
ग्रामीणों ने कहा कि प्रदेशभर में घटिया निर्माण के कारण विद्यालय भवन ढहने की घटनाएं आम हो चुकी हैं, लेकिन विभाग और ठेकेदार सबक लेने को तैयार नहीं। उन्होंने चेतावनी दी – “अगर इस लापरवाही को नहीं रोका गया तो बच्चों की जान व भविष्य दोनों खतरे में पड़ जाएंगे।”