मुकेश खटीक
मंगरोप।हमीरगढ़ में आस्था और भाईचारे का प्रतीक 42वां उर्स गुरुवार को कुल की रस्म के साथ सम्पन्न हुआ।चित्तौड़ी दरवाजा बस स्टैंड स्थित हजरत गुलजार अली शाह रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह पर तीन दिवसीय उर्स का समापन बड़ी अकीदत के साथ किया गया।आजाद नीलगर ने बताया कि उर्स का आगाज़ मंगलवार से हुआ था,जिसका समापन गुरुवार को दरगाह खादिम बाबा मोहम्मद अशरफी की सदारत में सम्पन्न हुआ।दिनभर धार्मिक कार्यक्रमों का दौर चलता रहा।दोपहर में चादर शरीफ का जुलूस नगर के प्रमुख मार्गों से होता हुआ दरगाह शरीफ पहुंचा,जहां हजारों जायरीन ने हाजिरी देकर अमन-चैन,सलामती और खुशहाली की दुआ मांगी।शाम को ईशा की नमाज़ के बाद महफिले-मिलाद का आयोजन हुआ।देर रात तक कव्वाली की महफ़िल ने दरगाह परिसर को सूफियाना रंग में सराबोर कर दिया।कपासन के मशहूर कव्वाल नुसरत कादरी ने अपने कलाम-ए-रंग से जायरीनों को झूमने पर मजबूर कर दिया।इस दौरान जामा मस्जिद के पेश इमाम ने मुल्क में अमन-शांति,भाईचारे और मोहब्बत कायम रहने की विशेष दुआएं मांगी।समापन अवसर पर अंजुमन कमेटी की ओर से उपस्थित सभी अतिथियों का दस्तारबंदी कर सम्मान किया गया।इस मौके पर मुख्य अतिथि रावत युग प्रदीप सिंह राणावत रहे।हर्ष प्रदीप सिंह,स्वरूपगंज सरपंच प्रतिनिधि प्यारे लाल शर्मा,पूर्व सरपंच शंकर लाल गुर्जर,पूर्व पंचायत समिति सदस्य राजकुमार सोनी,भाजपा हमीरगढ़ मंडल महामंत्री जगदीश वैष्णव,कांग्रेस नगर अध्यक्ष परशुराम दाधीच,संवाददाता अलाउद्दीन मंसूरी,बाबूलाल ओझा,गोपाल सिंह,देवी लाल सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद रहे।कार्यक्रम में अंजुमन कमेटी के सदर हाजी कमालुद्दीन मंसूरी, बालू मंसूरी, असलम भाटी, फरीद मोहम्मद, मुबारिक हुसैन, सद्दीक नीलगर, जाकिर बिसायती, डॉ. जिलानी, पीरु गौरी, तौसीफ गौरी, रफीक बिहारी, तौसीफ रजा, रज्जाक नीलगर सहित गुलजार अली बाबा के खानदान के सदस्य एवं सैकड़ों जायरीन मौजूद रहे।42वें उर्स ने दरगाह परिसर को कौमी एकता और भाईचारे के रंग में रंग दिया। तीन दिनों तक चले आयोजनों में दूर-दराज़ से आए जायरीनों ने शिरकत कर सूफियाना माहौल का आनंद लिया और गुलजार अली शाह रहमतुल्लाह अलैह के प्रति अपनी अकीदत पेश की।