दिलखुश मीणा
सावर(अजमेर)@स्मार्ट हलचल|इंटरनेट युग में बढ़ते साइबर अपराधों को देखते हुए सावर पुलिस प्रशासन ने शनिवार को स्कूली विद्यार्थियों के बीच विशेष जागरूकता अभियान चलाया। थाना प्रभारी व पुलिस टीम ने बच्चों को समझाया कि आजकल ठग फोन कॉल, व्हॉट्सऐप, सोशल मीडिया और ऑनलाइन गेमिंग के जरिये युवाओं को निशाना बना रहे हैं। ऐसे में जागरूकता ही असली सुरक्षा कवच है।
अधिकारियों ने कहा कि —
कानून में “डिजिटल अरेस्ट” जैसी कोई प्रक्रिया नहीं होती। यदि कोई खुद को पुलिस, कस्टम, ईडी या नारकोटिक्स अधिकारी बताकर कॉल करे और पैसे मांगे तो तुरंत कॉल काटें और www.cybercrime.gov.in पर शिकायत करें।
OTP, CVV और UPI PIN कभी भी किसी को न बताएं। याद रखें—भुगतान लेने में UPI पिन डालने की आवश्यकता नहीं होती।
अंजान लिंक, APK फाइल, शादी/ग्रीटिंग कार्ड या OLX जैसी साइटों पर मिलने वाले आकर्षक ऑफर पर क्लिक न करें, क्योंकि इससे आपका फोन हैक हो सकता है।
गूगल से हेल्पलाइन नंबर न खोजें। केवल अधिकृत वेबसाइट से ही जानकारी लें।
पब्लिक वाई-फाई और चार्जिंग प्वॉइंट से बचें तथा स्मार्टफोन का सॉफ़्टवेयर अपडेट रखें।
सोशल मीडिया पर वीडियो कॉल ऑफर, पार्ट टाइम जॉब, स्टॉक ट्रेडिंग या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) वीडियो/वॉयस कॉल को हमेशा सत्यापित करें।
पुलिस की अपील
साइबर अपराध की स्थिति में घबराएं नहीं। तुरंत 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराएँ। मोबाइल फोन खोने पर CEIR पोर्टल पर बिल व IMEI नंबर के साथ सूचना देकर फोन ब्लॉक करवाएँ।