युवाओं के हित में कुलगुरु प्रो.मिश्रा की पहल लाई रंग
उदयपुर, 28 अगस्त।स्मार्ट हलचल|नई शिक्षा नीति के अनुरूप युवाओं को रोजगारपरक पाठ्यक्रमों से जोड़ने के उद्देश्य से मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय की कुलगुरु प्रो.सुनीता मिश्रा द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और इसी श्रृंखला में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, वाणिज्य एवं प्रबंधन अध्ययन महाविद्यालय में अप्रेंनेटिसशिप एम्बेडेड डिग्री प्रोग्राम (Apprenticeship Embedded Degree Programs) की शुरुआत की गई है। इन पाठ्यक्रमों में बी.कॉम. इन रिटेल ऑपरेशंस मैनेजमेंट, बी.कॉम. इन लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट, तथा बी.कॉम. इन बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज एंड इंश्योरेंस, बीबीए इन ट्यूरिज्म एंड होस्पीटेलिटी मैनेजमेंट शामिल हैं।
ये सभी पाठ्यक्रम नई शिक्षा नीति के अनुरूप मान्यताप्राप्त हैं और ये रोजगारपरक हैं, जिनके माध्यम से विद्यार्थी अध्ययन के साथ-साथ व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। इस तरह की डिग्री कार्यक्रमों से विद्यार्थियों को स्नातक स्तर पर ही उद्योग जगत से जुड़ने का अवसर मिलेगा और उन्हें रोज़गार के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे।
कुलगुरु प्रो. सुनीता मिश्रा की पहल पर इन पाठ्यक्रमों को प्रारंभ किया है और इन समस्त पाठ्यक्रमों को सुखाड़िया विश्वविद्यालय के संगठक समस्त महाविद्यालयों में प्रारंभ करते हुए युवाओं को कॅरियर निर्माण का अवसर प्रदान किया जाएगा।
युवाओं को मिलेगा व्यावाहारिक अनुभव : प्रो.मिश्रा
प्रो. मिश्रा ने गुरुवार को इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया का विधिवत शुभारंभ किया और युवाओं को इन पाठ्यक्रमों में हिस्सा लेने की अपील की। उन्होंने बताया कि इन पाठ्यक्रमों का उद्देश्य विद्यार्थियों को न केवल सैद्धांतिक ज्ञान देना है बल्कि उन्हें व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना भी है, ताकि वे भविष्य में अपने करियर को नई दिशा दे सकें। इन उद्योग उन्मुख पाठ्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थी रिटेल, लॉजिस्टिक्स, बैंकिंग, ट्यूरिज्म एंड होस्पीटेलिटी और बीमा क्षेत्र जैसे प्रमुख उद्योगों में सफलतापूर्वक करियर बना पाएंगे।
विद्यार्थियों को स्टाइपेंड भी मिलेगा :
प्रो. मिश्रा ने बताया कि कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों को प्रमुख कंपनियों में अप्रेंटिसशिप करने का अवसर मिलेगा, जिससे वे और अधिक उद्योगोन्मुख एवं व्यावहारिक अनुभव प्राप्त कर सकेंगे। प्रशिक्षण अवधि के दौरान विद्यार्थियों को कंपनियों द्वारा स्टाइपेंड भी प्रदान किया जाएगा, जिससे वे पढ़ाई के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी सक्षम हो सकेंगे।
आत्मनिर्भर बनेंगे विद्यार्थी :
एईडीपी कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं वाणिज्य महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो. बी.एल. वर्मा ने बताया कि ये सभी पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) आधारित हैं। इनको पूरा करने के बाद विद्यार्थी विभिन्न कंपनियों में अच्छे रोज़गार प्राप्त कर सकेंगे और भारत के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में योगदान देंगे। उन्होंने बताया कि निश्चित ही ये पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होंगे।