स्मार्ट हलचल|भारत का अपना एक चिंतन है, एक सोच है, यह आज से नहीं प्राचीन काल से चली आई है । इसकी तीन विशेषताएं हैं शाश्वत, सर्वकालिक, सभी के लिए । भारत की विचारधारा कभी संकुचित नहीं रही है । यहां केवल चिंतन ही नहीं अपितु भारत के लोगों का आचरण और व्यवहार भी उचित रहा है और इसीलिए पूरे विश्व में भारत का चिंतन एक अमूल्य निधि के रूप में स्थापित हुआ है । जीव जगत की जो भी आवश्यकता है उसकी पूर्ति करना हमारा धर्म है । विश्व के सारे रहस्य को खोजना यही विज्ञान है । मानव जीवन में समस्या अपनी बुद्धि के मार्ग पर चलने से हुई है यदि ज्ञान के मार्ग पर रहता तो आज यह समस्या उत्पन्न नहीं होती । यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य एवं पूर्व सरकार्यवाह सुरेश चंद्र जोशी (भैयाजी) ने सुविचार अभियान की एक दिवसीय प्रदेश स्तरीय संगोष्ठी में बोलते हुए कहीं । भैया जी जोशी त्रिवेणी स्थित सुमेरगढ़ रिसॉर्ट में आयोजित संगोष्ठी में बोलते हुए कहा है कि मनुष्य ने अपनी जीवनोपयोगी जो वस्तु नहीं है उसमें सारी ऊर्जा लगा दी है जिससे प्रकृति के साथ स्पर्धा करने के दुष्परिणाम भुगत रहा है । हमें प्रकृति के साथ स्पर्धा नहीं अपितु समन्व करने की आवश्यकता है जिससे सुपरिणाम निकाल करके आएगा । आज प्रकृति के साथ समन्वय के अभाव में जल संकट गहराता जा रहा । आज सारी शिक्षा उद्योग केंद्रित हो गई जिससे जीवनोपयोगी भूमि की ओर किसी का ध्यान नहीं रहा जो की जीवनोपयोगी वस्तुओं को उपलब्ध करवाने का जो केंद्र (कृषि) है उसे हमने उपेक्षित कर दिया । उन्होंने कहा कि भूमि के जलस्तर को बढ़ाने के लिए हमें अनवरत प्रयत्न करने होंगे । एक भीष्म कालखंड में लंबे संघर्ष के बाद भागीरथ गंगा जी को लेकर आते हैं तब भारत की भूमि सुजलाम्, सुजलाम्, मलयज, शीतलाम् कहलाती है । इस भूमि को हरा भरा रखने के लिए भूमि का संरक्षण, संवर्धन जब तक नहीं होगा तब तक ग्राम विकास की संकल्पना अधूरी है । कार्यक्रम के शुभारंभ में अतिथियों द्वारा तुलसी के पौधे में जलार्पण किया गया । कार्यक्रम को सरोज देवी फाउंडेशन के निदेशक तिलोकचंद छाबड़ा, अपना संस्थान के राजस्थान प्रदेश सचिव विनोद मेलाना, फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी के शांतनु राज सिंन्हा ने भी संबोधित किया । कार्यक्रम से पूर्व भैया जी जोशी ने माकड़िया चारागाह और जोजवा में चल रहे सुविचार अभियान के नव चरागाह विकास का अवलोकन किया । कार्यक्रम में अपना संस्थान के राजस्थान प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ शंकर लाल माली ने अतिथि परिचय करवाया । सुविचार अभियान के विभाग सहसंयोजक सूर्य प्रकाश शर्मा ने अन्य अतिथियों का परिचय करवाया । कार्यक्रम में सुविचार अभियान गीत डॉ परमेश्वर प्रसाद कुमावत ने प्रस्तुत किया । कार्यक्रम का संचालन श्याम सिंह राठौड़ ने किया । कार्यक्रम में स्वामी अक्षयानंद गिरि जी महाराज, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राजस्थान क्षेत्र संघ चालक डॉ रमेश अग्रवाल, एफईएस के चेतन झा, पर्यावरण गतिविधि के अखिल भारतीय संयोजक गोपाल आर्य, राजस्थान क्षेत्र प्रचारक निंबाराम, चित्तौड़ प्रांत सह प्रचारक डॉ धर्मेंद्र सिंह एवं राजस्थान के प्रमुख उद्योगपति उपस्थित थे ।


