“भारत का इतिहास गवाह है, जब-जब हम बंटे तब-तब हम कटे — कुलगुरु सारस्वत
गुरु वशिष्ठ की परंपरा का संदेश संगठित होकर समाज को दे दिशा — एस पी गौत्तम
“गुरु वशिष्ठ की परंपरा ने भारतीय संस्कृति को शाश्वत बनाया” – पं. गोविंद शर्मा
“कोविड में भी नहीं टूटी गुरु वशिष्ठ जयंति की परंपरा” – किशन पाठक
कोटा। स्मार्ट हलचल|अखिल राजस्थान सनाढ्य ब्राह्मण महासभा एवं सनाढ्य समाज कोटा महानगर के संयुक्त तत्वावधान में गुरु वशिष्ठ प्राकट्य महोत्सव का आयोजन शिव ज्योति कॉन्वेंट स्कूल सभागार, श्रीनाथपुरम में भव्य और गरिमामयी वातावरण में सम्पन्न हुआ।
प्रदेश महामंत्री किशन पाठक ने बताया कि महोत्सव का शुभारंभ रामधाम के बाटुंकों द्वारा सामूहिक मंत्रोच्चारण एवं गुरु वशिष्ठ पूजन के साथ हुआ। भक्ति और संस्कृति से ओतप्रोत प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। बरखा जोशी की शिष्याओं ने जय देव देव पर नृत्य प्रस्तुत कर भक्ति का रंग घोला, वहीं गंगा पुत्री कथा ने गंगा अवतरण और उसकी महिमा को जीवंत कर दिया। नन्हीं बालिकाओं ने राधा-कृष्ण के रूप में भारत नाट्यम की मनोहारी प्रस्तुति दी और श्रीरामचंद्र कृपालु भजमन पर प्रस्तुत रामभक्ति नृत्य ने दर्शकों को अध्यात्म से जोड़ दिया।
लोकसभा अध्यक्ष का शुभकामना पत्र कार्यक्रम में वाचन किया गया। विधायक संदीप शर्मा ने वीडियो संदेश भेजकर सनाढ्य समाज को बधाई दी और कहा कि हमें सदैव अपने अग्रजों का आभार मानते हुए उन्हें स्मरण करना चाहिए।
मुख्य मंचासीन एवं सम्मानित अतिथि
मंच पर मुख्य अतिथि के रूप में कोटा विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. बी.पी. सारस्वत, शहर पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम, महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पंडित गोविंद शर्मा, प्रदेश महामंत्री किशन पाठक, गोदावरी धाम के महंत शैलेन्द्र भार्गव, महामंडलेश्वर मां नीति अंबा, काष्णी महाराज भरत आचार्य और प्रदेश कोषाध्यक्ष दीपक शर्मा विराजमान रहे।
गुरु वशिष्ठ पुरस्कार से ओमप्रकाश टंकारिया और अरुंधति पुरस्कार से कुसुम शर्मा को सम्मानित किया गया। साथ ही साहित्यकार रामेश्वरी भैय्या रम्मू जी पंडित और नरसिंह आश्रम समिति के राजेश शर्मा को भी विशेष सम्मान प्रदान किया गया। कार्यक्रम का समापन महाआरती के साथ हुआ, जिसमें उपस्थित सभी जनों ने गुरु वशिष्ठ को नमन किया
कुलगुरु प्रो. बी.पी. सारस्वत ने कहा कि “हम उस भारत भूमि के सपूत हैं जहाँ से विश्व को ज्ञान, धर्म और संस्कृति की दिशा मिली। यह हमारा सौभाग्य है कि हम उच्चकुल ब्राह्मण परंपरा में जन्मे हैं। किंतु आज समाज की सबसे बड़ी चुनौती विखंडन है। इतिहास गवाह है कि जब-जब हम बंटे हैं, तब-तब हमने अपनी शक्ति खोई है। अफगानिस्तान से लेकर विशाल भूभाग तक भारत फैला हुआ था, किंतु विभाजन ने हमें खंडित कर दिया। यदि ब्राह्मण समाज जातीय और पंथीय आधार पर बंटा तो निश्चित ही भविष्य में और हानि होगी। आज आवश्यकता है—एकजुट होकर समाज और राष्ट्र की रक्षा करने की।”
शहर पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने कहा कि “यह मेरे लिए गर्व का क्षण है कि पहली बार मुझे किसी ब्राह्मण समाज के कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला। समाज की शक्ति तभी है जब वह मानवता और एकता के लिए कार्य करे। गुरु वशिष्ठ की परंपरा हमें यही संदेश देती है कि संगठित होकर हम समाज को नई दिशा दे सकते हैं।”
महासभा के प्रदेशाध्यक्ष पंडित गोविंद शर्मा ने कहा कि “गुरु वशिष्ठ जैसे ऋषियों ने भारतीय संस्कृति को शाश्वत बनाने का कार्य किया। उनकी परंपरा ज्ञान, त्याग और समर्पण की धरोहर है। ऐसे महोत्सव न केवल समाज को जोड़ते हैं बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी हमारी संस्कृति की नींव से परिचित कराते हैं।”
प्रदेश महामंत्री किशन पाठक ने कहा कि “गुरु वशिष्ठ जयंति मनाने की परंपरा वर्ष 2019 से निरंतर चल रही है। कोविड जैसे कठिन समय में भी यह परंपरा नहीं टूटी। यह हमारी एकजुटता और संस्कृति के प्रति समर्पण का प्रतीक है। यह उत्सव केवल सनाढ्य समाज का नहीं बल्कि संपूर्ण ब्राह्मण समाज का पर्व है।”
महंत शैलेन्द्र भार्गव, महामंडलेश्वर मां नीति अंबा और काष्णी महाराज भरत आचार्य ने भी अपने आशीर्वचन में गुरु वशिष्ठ की महिमा का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी परंपरा भारतीय संस्कृति की जड़ों को पोषित करती रही है और हमें धर्म, ज्ञान और समाजसेवा के मार्ग पर अग्रसर करती है।
विशेष उपस्थिति
कार्यक्रम में गुर्जर गौड़ महासभा के प्रदेशाध्यक्ष विशाल शर्मा, नेता प्रतिपक्ष लव शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कोटा विभाग संघचालक पन्नालाल शर्मा, नरेन्द्र व्यास, अनिल तिवारी, संजय शर्मा, जटाशंकर शर्मा, सुरेन्द्र शर्मा, राजेन्द्र गौत्तम, रघुवीर शर्मा, अजय शर्मा, लोकेश शर्मा, सरोज मिश्रा, अर्चना शर्मा, धर्मेन्द्र दीक्षित, कुंज बिहारी गौतम ,जगमोहन गौतम, ईश्वर शर्मा ,राजेंद्र गौतम, डॉ जगदीश शर्मा, राजेंद्र शर्मा ,लोकेश शर्मा, सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
आयोजन समिति व सहयोगी
महोत्सव को सफल बनाने में प्रदेश कोषाध्यक्ष दीपक शर्मा, संभागीय अध्यक्ष दिनेश शर्मा, महामंत्री रामनरेश शर्मा, कोटा जिला अध्यक्ष हरि सूदन शर्मा, महामंत्री विजय भारद्वाज, वरिष्ठ उपाध्यक्ष हेमंत सनाढ्य, रुपेश शर्मा, कोटा महिला अध्यक्ष रेनू मिश्रा, महामंत्री मालती शर्मा, युवा अध्यक्ष पंकज शांडिल्य, महामंत्री विनोद दीक्षित, रचना पाठक, प्रीति दीक्षित, अंशुमति जोशी, शालिनी भारद्वाज, शकुंतला जोशी, रचना शर्मा का विशेष योगदान रहा।