Homeसोचने वाली बात/ब्लॉगभारतीय रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सतीश कुमार का कार्यकाल एक साल के...

भारतीय रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सतीश कुमार का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा

आज से 31 अगस्त 2026 तक रहेगा प्रभावी अनुबंध

जाने – कौन है रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सतीश कुमार ?

भारतीय रेलवे बोर्ड का गठन कब हुआ ?

भारतीय रेलवे बोर्ड का प्रथम अध्यक्ष कौन था ?

मदन मोहन भास्कर

स्मार्ट हलचल|भारतीय रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सतीश कुमार का कार्यकाल कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने आदेश जारी कर एक साल के लिए बढ़ा दिया है, जो आज से 31 अगस्त 2026 तक प्रभावी रहेगा। सतीश कुमार इस पद पर अनुसूचित जाति वर्ग के नियुक्त होने वाले पहले व्यक्ति हैं और भारतीय रेलवे में 34 वर्षों का अनुभव रखते हैं। उनके नवाचारों में ‘फॉग सेफ डिवाइस’ प्रमुख है, जो कोहरे में ट्रेन संचालन को सुरक्षित बनाता है। यह उपकरण भारतीय रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण बन गया है, जिसने सर्दियों के महीनों में, विशेष रूप से भारत के उत्तरी क्षेत्रों में, कम दृश्यता से जुड़े जोखिमों को काफी हद तक कम कर दिया है। इस तकनीक को बेहतर बनाने के उनके प्रयासों ने उन्हें विभिन्न क्षेत्रों से मान्यता और सराहना दिलाई है। इनका कार्यकाल 31 अगस्त, 2025 को समाप्त होना था। सरकार के 27 अगस्त के आदेश में लिखा है कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा सेवानिवृत्त सतीश कुमार को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में एक सितंबर 2025 से एक और वर्ष के लिए अनुबंध आधारित दोबारा नियुक्ति को मंजूरी दी है। यह मौजूदा नियम और शर्तों पर या आगे के आदेश तक होगा, जो भी पहले हो। सतीश कुमार की एक सितंबर 2024 को हुई प्रारंभिक नियुक्ति ने उन्हें बोर्ड के इतिहास में अनुसूचित जाति वर्ग से आने वाले पहले अध्यक्ष और सीईओ बनाया।

कौन हैं सतीश कुमार ?

भारतीय रेलवे मैकेनिकल इंजीनियर्स सेवा के 1986 बैच के अधिकारी सतीश कुमार मार्च 1988 में भारतीय रेलवे की सेवा में औपचारिक रूप से शामिल हुए। इससे पहले ये उत्तर मध्य रेलवे, प्रयागराज में महाप्रबंधक के रूप में काम कर चुके हैं। इहोंने अप्रैल 2017 से अप्रैल 2019 तक उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के मंडल रेल प्रबंधक के रूप में भी काम किया था। वहीं उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक के पद से पहले इन्होंने उत्तर पश्चिम रेलवे, जयपुर में वरिष्ठ उप महाप्रबंधक और मुख्य सतर्कता अधिकारी के रूप में कार्य किया है। सतीश कुमार ने प्रतिष्ठित मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जयपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री प्राप्त की है और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से ऑपरेशन मैनेजमेंट और साइबर लॉ में पीजी डिप्लोमा भी किया है। सतीश कुमार ने 2024 में मौजूदा अध्यक्ष और सीईओ जया वर्मा सिन्हा की जगह ली । सतीश कुमार बोर्ड के इतिहास में पहले दलित अध्यक्ष और सीईओ बने थे । सतीश कुमार ने विभिन्न क्षेत्रों और मंडलों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। वह रेलवे प्रणाली में नवाचार, दक्षता और सुरक्षा में सुधार लाए हैं। सतीश कुमार ने झांसी मंडल (पूर्व केंद्रीय रेलवे), वाराणसी के डीजल लोकोमोटिव वर्क्स, पूर्वोत्तर रेलवे, पटियाला लोकोमोटिव वर्क्स, लखनऊ मंडल (उत्तर रेलवे), जयपुर मंडल (उत्तर पश्चिम रेलवे) और उत्तर मध्य रेलवे में विभिन्न पदों पर सेवा दी है। अध्यक्ष और सीईओ बनने से पहले सतीश कुमार सदस्य (ट्रैक्शन और रोलिंग स्टॉक) के पद पर भी रहे, जो ट्रेन चलाने वाली इंजन प्रणाली और ट्रेन के सभी इंजन और डिब्बों से जुड़े महत्वपूर्ण कार्यों की देखरेख करता है। सतीश कुमार के करियर का एक उल्लेखनीय पहलू संपूर्णगुणवत्ता प्रबंधन (टीक्यूएम) के प्रति उनकी प्रतिबद्धता है। 1996 में इन्होंने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के तहत टीक्यूएम में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया।
8 नवंबर, 2022 को इन्होंने उत्तर मध्य रेलवे, प्रयागराज के महाप्रबंधक का पदभार ग्रहण किया, जिससे उनकी लोक सेवा यात्रा में एक और मील का पत्थर स्थापित हुआ। उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि उनकी व्यावसायिक उपलब्धियों जितनी ही प्रभावशाली है। इन्होंने प्रतिष्ठित मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जयपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की उपाधि प्राप्त की है और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से संचालन प्रबंधन और साइबर कानून में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त करके अपने ज्ञान को और बढ़ाया है। इस प्रशिक्षण ने रेलवे प्रबंधन के प्रति उनके दृष्टिकोण को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो निरंतर सुधार और गुणवत्ता के उच्चतम मानकों के पालन पर केंद्रित था। उनके द्वारा शुरू की गई विभिन्न परियोजनाओं में टीक्यूएम सिद्धांतों का उनका अनुप्रयोग स्पष्ट रूप से दिखाई देता है, जिससे रेलवे संचालन की सुरक्षा और विश्वसनीयता में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।

अप्रैल 2017 से अप्रैल 2019 तक, कुमार उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) के रूप में कार्यरत रहे। डीआरएम के रूप में उनके कार्यकाल में कई बुनियादी ढाँचे विकसित हुए, जिससे क्षेत्र में रेलवे नेटवर्क मज़बूत हुआ।
उनकी सबसे सराहनीय उपलब्धियों में से एक 2019 में कुंभ मेले का सफल संचालन था, जो एक विशाल आयोजन था और जिसमें लाखों तीर्थयात्रियों के आगमन के प्रबंधन के लिए सावधानीपूर्वक योजना और समन्वय की आवश्यकता थी। उनके नेतृत्व ने इस अवधि के दौरान रेल सेवाओं के सुचारू संचालन को सुनिश्चित किया, जिसके लिए उन्हें संगठन के सभी स्तरों पर प्रशंसा मिली। उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक के रूप में अपनी नियुक्ति से पहले, कुमार उत्तर पश्चिम रेलवे, जयपुर में वरिष्ठ उप महाप्रबंधक और मुख्य सतर्कता अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। इस पद पर ये सतर्कता कार्यों की देखरेख, पारदर्शिता सुनिश्चित करने और रेलवे संचालन की अखंडता बनाए रखने के लिए ज़िम्मेदार थे।
भारतीय रेलवे में उनके व्यापक अनुभव और योगदान को मान्यता देते हुए, सतीश कुमार को हाल ही में सदस्य (ट्रैक्शन एवं रोलिंग स्टॉक) (एमटीआरएस) के रूप में नियुक्त किया जो एक महत्वपूर्ण पद है जो भारतीय रेलवे में ट्रैक्शन और रोलिंग स्टॉक के महत्वपूर्ण पहलुओं की देखरेख करता है। इसके बाद ये रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष (सीआरबी) के रूप में भारतीय रेलवे के सर्वोच्च पद पर आसीन हुए , जहां अब ये भारत में रेलवे नेटवर्क के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इनकी दूरदर्शिता, विशेषज्ञता और नेतृत्व से यात्री सेवाओं, सुरक्षा और बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण सुधार होने की उम्मीद है, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि भारतीय रेलवे कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से राष्ट्र की सेवा करती रहे।

भारतीय रेलवे बोर्ड का गठन कब हुआ ?

भारतीय रेलवे बोर्ड का गठन 1922 में किया गया था। जिसका प्रमुख रेलवे का मुख्य आयुक्त था, जो तकनीकी मामलों पर निर्णय लेने और नीतिगत मामलों पर सरकार को सलाह देने के लिए पूरी तरह से सरकार के प्रति उत्तरदायी था ।

रेलवे बोर्ड का प्रथम अध्यक्ष ?

स्वतंत्रता के बाद अप्रैल 1951 में मुख्य आयुक्त का पद समाप्त कर दिया गया और वरिष्ठतम कार्यात्मक सदस्य को बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। पहले रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एफ सी बधवार 01 अप्रैल 1951 से 30 सितम्बर 1954 तक रहे । 46वीं रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा थी जो पहली महिला अध्यक्ष बनीं । सतीश कुमार 01 सितम्बर 2024 को 47वें रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष बने जो पहले दलित अध्यक्ष नियुक्त हुए ।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
news paper logo
20250820_1015526615338469596729204
logo
RELATED ARTICLES