150 हफ्तों की कला यात्रा ने दी नई रचनात्मक ऊर्जा
अंतरिक्ष यात्री सुधांशु शुक्ला के वीडियो संवाद ने प्रदर्शनी को बनाया यादगार
उदयपुर, 31 अगस्त।स्मार्ट हलचल|झीलों की नगरी उदयपुर में कला और संस्कृति का संगम लिए ‘लाइन्स एंड स्टोरीज ऑफ उदयपुर – 150 वीक्स ऑफ अर्बन स्केचिंग’ प्रदर्शनी का शनिवार को आरके मॉल में सफल समापन हुआ। अर्बन स्केचर्स उदयपुर कम्युनिटी और क्रिएटिव सर्किल द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय कला उत्सव ने शहरवासियों, विद्यार्थियों और कलाकारों को रचनात्मकता से भरपूर अनूठा अनुभव दिया।
सुधांशु शुक्ला हुए कलाकारों से मुखातिब
समापन मौके पर हाल ही में अंतरिक्ष यात्रा से लौटे भारतीय अंतरिक्ष यात्री सुधांशु शुक्ला ने वीडियो कॉल के माध्यम से अर्बन स्केचर कलाकारों और विद्यार्थियों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि “कला, कल्पनाशीलता और सृजन शक्ति ही मनुष्य को नई ऊँचाइयों तक ले जाती है। उन्होंने आह्वान किया कि हर व्यक्ति कला के माध्यम से रचनात्मकता से जुड़ा रहता है, इसे अपने जीवन में अवश्य ही स्थान देना चाहिए।”
इस दौरान रजत कहानीवाला ने ‘विजयदान देथा’ की कहानियों के साथ अपनी कहानियाँ साझा कीं, वहीं राधिका लड्ढा ने अपनी कविताओं से कार्यक्रम को साहित्यिक स्पर्श दिया। समाजसेवी कोमल कोठारी ने प्रदर्शनी का समापन करते हुए कलाकारों को प्रोत्साहित किया। सुरेश पालीवाल ने योगा सेशन लिया।
दोनों दिनों में मो. असद, भानु प्रताप, कृष्णा शर्मा, फार्मन, कश्यप और करण मेघवाल की टीम ने लाइव म्यूजिक परफॉर्मेंस देकर प्रदर्शनी को और अधिक जीवंत बनाया। खास आकर्षण रहा जीएसएसएस, वरड़ा स्कूल के बच्चों के साथ लाइव डेमोंसट्रेशन और लाइव म्यूजिक, जिसने छोटे कलाकारों को भी मंच दिया।
इसके अलावा मो. यूनुस, मकबूल, राहुल माली और कमलेश डांगी ने लाइव डेमोंसट्रेशन प्रस्तुत किए, जिन्हें दर्शकों ने खूब सराहा।
आयोजन के दौरान लाइव स्केचिंग सेशन, ‘एनीबडी कैन स्केच’ आर्ट टॉक, वाटर कलर डेमोंसट्रेशन और मोटो आर्ट पर ताहिर मर्चेंट की विशेष वार्ता दर्शकों का मुख्य आकर्षण रही।
अर्बन स्केचर्स उदयपुर के संस्थापक एवं आर्किटेक्ट सुनील लड्ढा ने बताया कि यह प्रदर्शनी 150 हफ्तों की रचनात्मक यात्रा का उत्सव है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों, कलाकारों और शहरवासियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “यह आयोजन उदयपुर की कला और कहानियों को सहेजने का एक सामूहिक प्रयास है।”
दो दिवसीय यह प्रदर्शनी कला, साहित्य और संगीत का संगम बनकर उदयपुर की स्मृतियों में दर्ज हो गई।