बानसूर।स्मार्ट हलचल|कस्बे के निकटवर्ती ग्राम पंचायत होलावास के ग्राम बासना में नाबार्ड के सहयोग से निर्मित ग्रामीण हॉट में मेले का आयोजन हुआ। इस मेले में स्वयं सहायता समूहों एवं एफपीओ से जुड़ी महिलाओं और ग्रामीण आर्टिज़न्स ने पारंपरिक कला और आधुनिक हुनर से निर्मित आकर्षक एवं सुसज्जित उत्पादों की स्टॉल्स लगाईं।महिलाओं ने अपने परिश्रम और प्रतिभा से आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की। उनके उत्पाद जहां ग्रामीण संस्कृति और परंपरा को जीवंत बना रहे थे, वहीं आर्थिक सशक्तिकरण और सामाजिक पहचान का माध्यम भी बने। स्टॉल्स पर गोधन उत्पाद, ऑर्गेनिक शहद, आंवला अचार, हर्बल कैंडी, जूट फाइल, लैपटॉप बैग तथा कलात्मक सजावटी सामान विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। इसके साथ ही ग्रामीण कारीगरों द्वारा बनाए गए लकड़ी के खिलौने, मिट्टी के कलात्मक खिलौने, पारंपरिक बर्तन, सजावटी सामान और अन्य हस्तनिर्मित आर्टिकल्स भी लोगों की खास पसंद बने। यह आयोजन केवल उत्पादों का प्रदर्शन ही नहीं बल्कि ग्रामीण शिल्पकारों की पीढ़ियों से चली आ रही परंपराओं और वास्तु-कला को भी केंद्र में लेकर आया। जिन पारंपरिक कलाकारों ने अपने हुनर से वर्षों से घर, मंदिर और ग्रामीण जीवन के लिए उपयोगी वस्तुएं तैयार की हैं, उनके कार्य को यहां विशेष रूप से सराहा गया। कार्यक्रम के दौरान शहरवासियों ने न केवल इन उत्पादों को सराहा बल्कि उत्साहपूर्वक खरीददारी भी की, जिससे महिलाओं और कारीगरों का आत्मविश्वास और मजबूत हुआ। यह मेला ग्रामीण महिलाओं और पारंपरिक कलाकारों की मेहनत, स्वावलंबन और उभरती नई पहचान का प्रतीक बनकर सामने आया।