गंगापुरवासी अब पहुंचे अदालत की चौखट पर, स्थायी निषेधाज्ञा व आदेशात्मक आज्ञा की मांग
रामप्रसाद माली
गंगापुर। स्मार्ट हलचल कस्बे के लोग पिछले पाँच वर्षों से अधूरी सड़कों की मार झेल रहे हैं। करोड़ों रुपये की लागत से शुरू किए गए मार्गों का निर्माण आज तक पूरा नहीं हुआ। न प्रशासन जिम्मेदारी निभा रहा है और न ही जनप्रतिनिधि पहल कर रहे हैं। थक-हारकर अब नागरिकों ने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया है।
मार्च 2022 तक कांग्रेस के पूर्व विधायक स्व. त्रिवेदी के नाम से बनने वाली सड़क और कोर्ट चौराहे से मिनी गेट व रायपुर रोड तक चौड़ीकरण कार्य पूरा होने का दावा किया गया था। लेकिन स्थिति यह है कि सड़कें अधूरी हैं, बीचों-बीच खुदाई कर छोड़ी गई है और जगह-जगह गड्ढे व मलबा जमा है। इससे यातायात बाधित हो रहा है और रोज़ाना दुर्घटनाओं का खतरा बना हुआ है।
नागरिकों का कहना है कि मरीजों को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जा पा रहा, अधिवक्ताओं व व्यापारियों को दिक्कत है और स्कूली बच्चों तक की सुरक्षा खतरे में है। हाल ही में एक प्रसूता महिला समय पर ट्रॉमा सेंटर नहीं पहुंच पाई और गाड़ी में ही तड़पती रही।
इसी तरह अतिक्रमण ने भी परेशानी बढ़ा दी है। कोर्ट से सहाड़ा चौराहा और रायपुर रोड तक दुकानदारों ने कब्जे कर रास्ते संकरा कर दिया है। अवैध पार्किंग से आए दिन जाम लगता है। स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि नगरपालिका और पुलिस सब जानते हैं, मगर कार्रवाई नहीं होती।
गोयरा पुल के पास नाले पर अवैध निर्माण कर दिया गया है। नाला संकरा होने से बरसात में पानी सड़क पर चढ़ जाता है और कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। नागरिकों का कहना है कि यह निर्माण अवैध है लेकिन राजनीतिक दबाव में नगरपालिका कार्रवाई नहीं कर रही।
लगातार शिकायतों, ज्ञापन और निवेदन के बावजूद जब सुनवाई नहीं हुई तो 4 सितम्बर 2025 को अंतिम नोटिस दिया गया। इसके बाद भी काम शुरू न होने पर अब स्थायी निषेधाज्ञा और आदेशात्मक आज्ञा की मांग करते हुए अदालत में वाद दायर किया गया है।
नागरिकों की स्पष्ट मांग है कि एक माह में सड़क निर्माण पूरा हो, सड़क किनारे अतिक्रमण हटाए जाएं, गोयरा पुल का अवैध निर्माण ध्वस्त किया जाए और भविष्य में कब्जों पर कड़ी रोक लगे।
अधिवक्ता रितेश सुराणा, आनंदपाल सिंह, गणपत राणवा, पुष्पेंद्र सिंह, रामेश्वर लाल जाट, हेमेंद्र सुवालका व समाजसेवी रामप्रसाद माली ने यह वाद दायर कराया है।