कोर्ट में हलफनामा दिया ,17 सितंबर तक पार्क को पूरी तरह हटा दिया जाएगा
(हरिप्रसाद शर्मा )
स्मार्ट हलचल|अजमेर/ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से अजमेर के मशहूर सेवन वंडर्स पार्क को तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। करोड़ों की लागत से बने इस पार्क पर अब कानूनी शिकंजा कस चुका है। प्रशासन ने पार्क के अंदर मीडिया को प्रवेश की अनुमति नहीं दी है और मौके पर पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है।
*छह महीने पुराने आदेश पर अब कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट ने करीब छह महीने पहले सेवन वंडर्स पार्क को हटाने के निर्देश दिए थे, लेकिन अब तक केवल एक प्रतिमा को हटाकर नीचे रखा गया था। इस देरी पर अदालत ने नाराजगी जताई थी और अजमेर प्रशासन को कड़े शब्दों में समयसीमा तय कर कार्रवाई पूरी करने के आदेश दिए थे। हाल ही में जिला प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर आश्वस्त किया था कि 17 सितंबर तक पार्क को पूरी तरह हटा दिया जाएगा। उसी वादे को निभाने के लिए अब कार्रवाई तेज कर दी गई है।
*11.64 करोड़ में बना था आकर्षण
स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत करीब 11.64 करोड़ रुपये की लागत से तैयार इस पार्क में दुनिया के सात अजूबों की प्रतिकृतियां लगाई गई थीं। इनमें ताजमहल, एफिल टॉवर, मिस्र के पिरामिड, पीसा की झुकी मीनार, रोम का कोलोजियम, न्यूयॉर्क की स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी और ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में क्राइस्ट द रिडीमर की प्रतिमा शामिल थीं। लंबे समय से यह पार्क स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा, लेकिन कानूनी अड़चनों ने इसका भविष्य तय कर दिया।
*टेंडर प्रक्रिया में अड़चन
अजमेर विकास प्राधिकरण (एडीए) ने प्रतिमाएं हटाने के लिए पहले टेंडर जारी किए थे, लेकिन केवल एक कंपनी के बोली लगाने पर प्रक्रिया निरस्त करनी पड़ी। इसके बाद नया टेंडर जारी करने की तैयारी की गई। सुप्रीम कोर्ट ने 25 फरवरी को हुई सुनवाई में स्मार्ट सिटी की एसीईओ और नगर निगम कमिश्नर के एफिडेविट को अस्वीकार कर नाराजगी जताई थी और स्पष्ट कर दिया था कि पार्क को हर हाल में हटाना होगा।
*खत्म हो रही अजमेर की एक पहचान
सेवन वंडर्स पार्क के टूटने से अजमेर अपनी एक खास पहचान खो देगा। शहर का यह प्रमुख आकर्षण अब सिर्फ तस्वीरों और यादों में रह जाएगा। प्रशासन ने साफ किया है कि अदालत के आदेशों का पालन करना ही उसकी प्राथमिकता है, इसलिए आने वाले दिनों में पार्क पूरी तरह खाली कर दिया जाएगा।