दौसा । दौसा के सरकारी स्कूल में मिड-डे मील में आलू की सब्जी और रोटी खाने के बाद 50 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। उल्टी और पेट दर्द होने लगा तो बच्चों को पहले क्लास रूम में ही लेटा दिया गया। जब हालत ज्यादा बिगड़ने लगी तो नांगल राजावतान के सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। इनमें से 19 बच्चों को जिला अस्पताल रेफर किया गया। मामला शनिवार दोपहर 12 बजे चूड़ियावास गांव के गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल का है। सूचना मिलते ही नांगल के हॉस्पिटल में भर्ती अन्य बच्चों को भी लेकर परिजन जिला अस्पताल पहुंचे। ऐसे में कुल 50 बच्चे जिला अस्पताल में भर्ती किए गए । जानकारी मिलते ही कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और कलेक्टर देवेंद्र कुमार भी दौसा अस्पताल पहुंचे। मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं । बच्चों को ड्रिप चढ़ाई गई। अस्पताल प्रशासन ने सभी बच्चों को ऑब्जर्वेशन में रखा है।
दूध पीने के बाद मिड-डे मील खाया था
सीएमएचओ डॉ. सीताराम मीणा ने बताया- चूड़ियावास गांव के सरकारी स्कूल में सुबह 10:30 बजे बच्चों ने दूध पिया था। इसके बाद आलू की सब्जी और चपाती खाई थी। मिड डे मील खाने के बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी।
नांगल से 19 बच्चों को जिला अस्पताल रेफर किया गया। इसके बाद अन्य बच्चे भी उनके परिजनों के साथ जिला अस्पताल इलाज के लिए पहुंचे। फूड पॉइजनिंग के कारणों का पता लगाने के लिए मिड डे मील के सैंपल लेकर जांच के लिए भिजवाए गए हैं। वहीं जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके मीणा ने बताया कि कुल 50 बच्चे इलाज के लिए इमरजेंसी यूनिट में पहुंचे है , जिन्हें ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। फिलहाल उनकी हालत खतरे से बाहर है।
कलेक्टर बोले- 200 बच्चों ने खाया था खाना
सूचना पर कलेक्टर देवेन्द्र कुमार भी जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बताया कि स्कूल में करीब 200 बच्चों ने मिड डे मील खाया था, जिनमें से करीब 50 से अधिक बच्चों की तबीयत खराब हो गई। हालांकि फिलहाल सभी बच्चों की स्थिति ठीक है। मामले की जांच के लिए स्कूल शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग की टीम को चूड़ियावास के सरकारी स्कूल भेजा है, जहां सैंपल लेकर उनकी जांच की जाएगी। साथ ही मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।