भोजपुर : बिहार के भोजपुर में सुखरौली गांव का वह बेटा, जिसके सहारे मां-बाप ने बुढ़ापे के सपने बुने थे, वह ताबूत में लौट आया. 20 महीने पहले ड्रग्स माफियाओं के बहकावे में विदेश चला गया गौरव जिंदा घर न लौट सका. लेकिन करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद जब उसका ताबूत गांव पहुंचा और ढक्कन खोला गया, तो सामने ऐसा मंजर था जिसे देखकर पूरे गांव की रूह कांप गई.
पाकिस्तानी ड्रग पैडलर ने बनाया बंधक
गौरव को गांव से कुछ लोग बहला-फुसलाकर ले गए. कहा गया- ”विदेश में लाखों की कमाई होगी, खर्च भी हमारा होगा.” गौरव को ये प्रस्ताव तब बुरा नहीं लगा. लालच और सपनों के बीच गौरव उन लोगों के साथ ईरान पहुंच गया, लेकिन वहीं उसकी जिंदगी नरक बन गई. वह वतनवापसी के लिए तड़प उठा लेकिन ड्रग पैडलर ने उसे किडनैप कर बंधक बना लिया.
2 करोड़ की फिरौती की मांग
इस बीच परिवार को विदेश से फोन आने लगे. दो करोड़ रुपये की मांग पाकिस्तानी ड्रग पैडलर के द्वारा की जाने लगी. यह साफ-साफ कहा गया कि – ”अगर पैसा नहीं मिला तो उसे ऐसी मौत देंगे कि पहचान पाना भी मुश्किल होगा.” परिजनों की हालत खराब थी, लेकिन रकम इतनी बड़ी थी कि कुछ कर भी नहीं पाए.
ईरान में गौरव की बेरहमी से हत्या
इस खौफनाक धमकी की डेडलाइन खत्म होती ही ड्रग पैडलर्स ने गौरव की खौफनाक हत्या कर दी. गांव आए शव को देखकर लग रहा है कि उसके साथ काफी बर्बरता की गई. गौरव के सिर पर लोहे की रॉड से वार किया गया, उसका एक हाथ भी गायब कर दिया गया. हत्या इतनी निर्मम थी कि शव देखकर गांव का हर सदस्य सिहर उठा.
शव लाने में खर्च हो गए 30 करोड़
ईरान से शव लाने की प्रक्रिया ही लगभग 9-10 महीने तक खिंचती रही. इस दौरान करीब 30 करोड़ रुपये खर्च करके गौरव का पार्थिव शरीर भारत लाया जा सका. लेकिन लंबे इंतजार और सफर में शव पूरी तरह सड़ चुका था. बदबू इतनी तीव्र थी कि परिजनों को मुंह पर कपड़ा बांधकर शव के पास खड़ा होना पड़ा. बदबू को कम करने के लिए परिजनों ने इत्र छिड़का लेकिन दुर्गंध कम न हुई.
जवान बेटे की मौत से टूटे माता-पिता
गांव में ताबूत खुलते ही सभी की आंखें नम हो गईं. पिता ने कहा कि- ”घर का सबसे आज्ञाकारी बेटा गौरव था, वहीं बूढ़े मां-बाप का सहारा था.” बुजुर्ग पिता ने कांपते हाथों से बेटे को मुखाग्नि दी. परिजन कहते हैं- ”गौरव हमारा श्रवण कुमार था, जिसने हमें सहारा देने का वादा किया था, लेकिन लालच और धोखे ने उसे हमसे छीन लिया.””गौरव को जो यहां से ले गया उसकी ही पूरी गलती है. वो कहां के रहने वाले थे ये भी मुझे जानकारी नहीं है. पैसे के लालच में यहां से गौरव को ले जाया गया, उनके द्वारा गौरव से कहा गया कि मेरे साथ चलो तुम्हें महीने में दो से चार लाख रुपए की कमाई होगी. हम तुम्हें अपने पैसे से लेकर चलेंगे, तुम्हारा 1 रुपया भी नहीं लगेगा. इसी लालच में गौरव ड्रग्स पेडलर्स के साथ चला गया. कागजी कार्रवाई में ही 9 से 10 महीने का वक्त बीत गया. बेटे के रूप में धन चला गया ।
मृतक गौरव के पिता
इंसाफ की मांग
परिवार अब सरकार से यही गुहार लगा रहा है कि जिन लोगों ने गौरव को फंसाकर विदेश भेजा और फिर उसकी हत्या कर दी, उन्हें ऐसी सजा दी जाए कि देखने वालों की भी रूह कांप उठे. ‘बहुत पहले ही पाकिस्तान एवं ईरान के नंबर से व्हाट्सएप्प कॉलिंग कर दो करोड़ की फिरौती मांगी गई थी. ड्रग्स पेडलर्स के द्वारा कहा गया था कि अगर पैसा नहीं दिया जाएगा तो उसकी नृशंस हत्या कर दी जाएगी. कुछ दिन के बाद फिर एक कॉल कर कहा गया कि ऐसा मार मारेंगे की रूह कांप जाएगी. आज उनकी बातें सच दिखाई दी. गौरव की डेड बॉडी एकदम देखने लायक नहीं थी.
सरकार से हमारी मांग है कि उन लोगों के साथ भी ऐसी रुह कंपा देने वाली सजा दी जाए.
”- प्रेम कुमार, मृतक गौरव के परिजन