“हमें भी बुला लो मेरे आका मदीने में, हम भी मदीना देखेंगे”
संजय चौरसिया
हरनावदाशाहजी. स्मार्ट हलचल| मस्जिद ए मोहम्मदिया में ईदमिलादुन्नबी के मौके पर शुक्रवार को देर शाम नमाज मगरिब से ईशा तक अकीदत व एहतराम के साथ जलसा का आयोजन किया। इस मौके पर दस वर्षीय नावेद ने कुरआन पाक की तिलावत से जलसा का आगाज किया। खिदमतगार ए कमेटी के मेंबर आशु मंसूरी ने बताया की जलसा मजलिस में 25 बच्चे-बच्चियों ने हुजूर की शान में प्यारे अंदाज में उम्दा नात ए पाक, कुरआन की आयत, हदीस, तकरीर, हम्द, सूरत, कलमा, दुआएं, खुदा की इबादत एवं हिफ्ज़ कुरआन की बातें पेश की। इस दौरान बच्चों ने बड़ी उम्मीद है सरकार कदमों में बुलाएंगे, करम की जब नजर होगी मदीने हम भी जायेंगे, हमने आँखों से देखा नहीं मगर उनकी तस्वीर सीने में मौजूद है, क्या बताओ, के क्या मदीना है, हम को भी बुला लो या रसूलल्लाह सहित अन्य उम्दा नात ए पाक पेश की। अकीदतमंदों ने कलाम पेश करने वाले सभी बच्चों को इनामात व तोहफे से नवाज कर हौसला अफजाई की। मेहमान-ए-खुसूसी मौलाना इंसाफ अहमद नदवी ने सबसे पहले यह बात कही “हरनावदाशाहजी मोहब्बत का कस्बा है और यहां की बस्ती भी”। इस कस्बे में सभी समुदाय के लोग आपसी भाईचारा, मोहब्बत, सुकून, अमन-चैन व खुशहाली के साथ रहते हैं। यह के लोगों की कौमी एकता आगे भी कायम रहें। कस्बे में सदियों से दोनों समुदाय के लोग इंसानियत व भाईचारे का पैगाम दे रहे हैं। इन्होंने ने अपने बच्चों को दुनिया तालीम के साथ दीनी तालीम हासिल करवाने की भी बात कही। मौलाना हियादाताउल्लाह ने कहा नबी के तौर-तरीकों को अमल करने, इंसान को नेक काम करने व अच्छी ज़िंदगी गुजारने पर जोर दिया। मस्जिद ए मोहम्मदिया कमेटी की तरफ से मकतब के बच्चों के लिए सफेद लिबास बनवाने का ऐलान किया है। जलसा के आखिरी में अकीदतमंदों ने मुल्क में अमन-चैन, तरक्की, खुशहाली व भाईचारे की दुआ मांगी।