एक साल से बंद पड़े भवन के कारण किसान परेशान,एक काम के लिए 60 किमी तक लगाना पड़ रहा है चक्कर।
आसींद, रोहित सोनी। में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में करोड़ों रुपये की लागत से बना अंटाली तहसील भवन पिछले एक साल से तैयार खड़ा है, लेकिन भाजपा सरकार अब तक उसका उद्घाटन नहीं कर पाई है। हालत यह है कि तहसीलदार गणेश कच्छावा की नियुक्ति हो चुकी है, मगर उद्घाटन न होने और फर्नीचर-उपकरण की कमी के चलते वे भवन में बैठ ही नहीं पा रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि तहसील बनने से हजारों लोगों को राजस्व कार्यों के लिए हुरड़ा नहीं जाना पड़ेगा, लेकिन उद्घाटन टलने से आज भी उन्हें लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। किसान ताराचंद मेवाड़ा ने बताया, “सुबह से अंटाली तहसील पहुंचे थे कि आज कागजों का काम हो जाएगा, लेकिन भवन पर ताले लगे मिले। लोग बताते हैं कि तहसीलदार शंभूगढ़ बैठते हैं, फिर वहां जाना पड़ा और रजिस्ट्री कराने के लिए हुरड़ा तक चक्कर लगाना पड़ा। एक काम के लिए 50-60 किलोमीटर घूमना पड़ता है।”
इस मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। कांग्रेस कार्यकर्ता पवन कुमार शर्मा का आरोप है कि भाजपा सरकार जनता की सुविधा को नजरअंदाज कर रही है। वहीं भाजपा पक्ष का कहना है कि उद्घाटन की औपचारिकता पूरी होते ही कामकाज शुरू कर दिया जाएगा।
ग्रामीण जसवंत सिंह रावत ने कहा कि भवन को बने एक साल हो चुका है, अब और देरी नहीं होनी चाहिए। तहसील का कामकाज जल्द शुरू हो, ताकि राजस्व कार्य स्थानीय स्तर पर ही निपट सकें।
तहसीलदार गणेश कच्छावा ने बताया कि “जॉइनिंग के बाद अंटाली तहसील भवन का निरीक्षण किया था। वहां फर्नीचर और उपकरणों की कमी है। उद्घाटन भी नहीं हुआ है, इसलिए कार्यालय शुरू नहीं हो पाया। वर्तमान में हुरड़ा तहसील कार्यालय से ही कार्य किए जा रहे हैं। उपकरण और फर्नीचर की मांग को लेकर जिला कलेक्टर कार्यालय को पत्र लिखा गया है।”