भोपाल|स्मार्ट हलचल|मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के स्थानीय मेडिकल कॉलेज में एक प्रेरणादायक मामला सामने आया। जहां 86 वर्षीय कृष्ण मोहन सक्सेना को उनके स्वैच्छिक देहदान के संकल्प का सम्मान करते हुए अंतिम विदाई दी गई। इसके साथ ही उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया।
जीवन जो दूसरों के लिए जिया गया
कृष्ण मोहन सक्सेना का 14 सितंबर को देहांत हो गया था। जिन्होंने जीवन भर समाज सेवा को महत्व दिया। समाज सेवा और परोपकार की इसी भावना के साथ उन्होंने अपने शरीर का दान करने का निर्णय लिया था। उनके इस संकल्प को पूरा करते हुए 15 सितंबर को सुबह 10 बजे उनके पार्थिव शरीर को पीपुल्स मेडिकल कॉलेज को सौंप दिया गया।
गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित
मेडिकल कॉलेज में कृष्ण मोहन सक्सेना के पार्थिव शरीर को गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कॉलेज के डीन डॉ. राजेश गौड़, असिस्टेंट डीन एवं प्रोफेसर डॉ. विष्णु पाल, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. युगांती वैद्य,डॉ. शिवशंकर बड़ोने, और श्री सक्सेना के परिजन उपस्थित रहे।
इस अवसर पर उपस्थित डॉक्टरों, छात्रों और स्टाफ सदस्यों ने दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने देहदान की महत्ता, मेडिकल शिक्षा व शोध में शरीर के उपयोग तथा समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर विस्तार से जानकारी दी। कॉलेज प्रबंधन ने उनके योगदान को नमन करते हुए कहा कि यह देहदान न केवल चिकित्सा विज्ञान के लिए एक बड़ा लाभ है। बल्कि यह जीवन की अंतिम सेवा का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है। उनके इस कदम ने समाज के लिए एक आदर्श प्रस्तुत किया है। श्री कृष्ण मोहन सक्सेना विनायक फीचर्स की प्रधान संपादक श्रीमती निर्मला वर्मा के बड़े भाई थे। (विनायक फीचर्स)