सुनील बाजपेई
कानपुर|स्मार्ट हलचल|यहां के डिप्टी रजिस्ट्रार द्वारा संस्था को उसके ही संविधान के नियमों के खिलाफ गैरकानूनी और औचित्यहीन घोषित किए जाने के बाद भी उत्तर प्रदेश मोटर्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (यूपी एम टी ए) 21 सितंबर को अपना चुनाव जबरन कराने पर तुला हुआ है। जिसके फलस्वरूप विवाद की स्थिति पैदा होने से कोई भी अप्रिय घटना की प्रबल संभावना को लेकर ट्रांसपोर्टर भी चिंतित हैं। उन्होंने इस मामले में जिलाधिकारी और रजिस्ट्रार से भी से भी हस्तक्षेप करके अनुचित तरीके से नियम के विरुद्ध कराए जा रहे यूपीएमटीए के चुनाव पर रोक लगाने की मांग की है।
वहीं दूसरी ओर हुई बातचीत में डिप्टी रजिस्ट्रार पारस नाथ गुप्ता ने जिस आशय की जानकारी दी है ,उसके मुताबिक अगर कालातीत घोषित किए जाने के बाद भी यूपीएमटीए 21 सितंबर 2025 को कानपुर में चुनाव कराता है तो उसे किसी भी दृष्टिकोण से वैध नहीं माना जायेगा । क्योंकि चुनाव कराने का अधिकार डिप्टी रजिस्ट्रार को है यूपीएमटीए को कदापि नहीं। दूसरी चुनाव अधिकारी केसी शर्मा ने बताया कि चुनाव की प्रक्रिया जारी है ,जिसे 21 सितंबर को अवश्य कराया जाएगा।
इन हालातों के खिलाफ ट्रांसपोर्टर व्यापारियों के हित को देखते हुए एक महत्वपूर्ण बैठक में रजिस्ट्रार द्वारा संस्था और उसके पदाधिकारियों को कालातीत घोषित किए जाने के बाद भी 21 सितंबर को जबरन चुनाव कराये जाने का प्रबल विरोध भी किया गया।
याद रहे कि डिप्टी रजिस्टार फण्डस सोसाइटी एवं चिटस द्वारा जारी एक आदेश निर्देश में साफ लिखा गया है कि संस्था के निर्वाचन दिनांक 26/27 जून 2022 को लेकर विवाद की स्थिति नहीं है। जिसका 02 वर्षीय कार्यकाल समाप्त हो चुका है। ऐसी स्थिति में संस्था की प्रबन्ध समिति सो० रजि० अधि० 1860 की धारा 25 (2) के अन्तर्गत कालातीत हो गयी है। संस्था के अध्यक्ष पद से अजय कुमार कपूर द्वारा संस्था की नियमावली में संशोधन हेतु अपना आवेदन पत्र दिनांक 04.07.2025 प्रस्तुत किया गया है। जिसके साथ नियमावली संशोधन कार्यवाही साधारण सभा दिनांक 08.03.2025 के साथ संशोधित नियमावली पंजीकृत किये जाने के अनुरोध के साथ प्रस्तुत की गयी है। इस सम्बन्ध में उल्लेखनीय है कि उपरोक्त कार्यवाही दिनांक 08.03.2025 संस्था की प्रबन्ध समिति के कालातीत हो जाने के उपरान्त सम्पन्न दर्शायी गयी है। जिसे स्वीकार किया जाना विधिक रूप से औचित्यपूर्ण नहीं है। यह भी उल्लेखनीय है कि कालातीत प्रबन्ध समिति का निर्वाचन सम्पन्न कराया जाना सो० रजि० अधि 1860 की धारा 25 (2) के प्रावधानो के अन्तर्गत अधोहस्ताक्षरी के क्षेत्राधिकार – का विषय है। ऐसी स्थिति में किसी अन्य निर्वाचन का कोई विधिक औचित्य नहीं है।
इस जारी आदेश में आगे यह भी लिखा गया है कि उपरोक्त तथ्यो एवं उनकी विवेचना के आधार पर मनीष कटारिया तत्कालीन महामंत्री एवं अजय कुमार कपूर तत्कालीन अध्यक्ष के संस्था के नियमावली संशोधन सम्बन्धी दावों / प्रपत्रों को अमान्य किया जाता है तथा संस्था की प्रबन्ध समिति को सो० रजि० अधि 1860 की धारा 25 (2) के अन्तर्गत कालातीत घोषित किया जाता है।
उप निबंधक द्वारा जारी इस आदेश में यह भी कहा गया है कि संस्था के कालातीत अध्यक्ष अजय कुमार कपूर व कालातीत महामंत्री श्री मनीष कटारिया को सदस्यों की सूची मय साक्ष्यों सहित 02 माह में कार्यालय में प्रस्तुत करें। आदेश में मा.उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा रिट याचिका के अनुपालन में ही प्रकरण को विस्तारित किए जाने की भी बात कही गई है। जहां तक चुनाव को लेकर अप ता की सक्रियता का सवाल है। इस बारे में महामंत्री मनीष कठेरिया द्वारा 21 सितंबर को चुनाव कराए जाने से संबंधित भेजे जा रहे संदेश भी ट्रांसपोर्टरों में चर्चा का विषय बने हुए हैं।
फिलहाल सरकारी तौर पर रजिस्टर कार्यालय द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुरूप काम किया जाएगा या फिर उसके विरुद्ध नियम कानून और संविधान को ठेंगा दिखाकर यूपी एम टी ए चुनाव कराया जाएगा। इस सवाल का जवाब आने वाला वक्त ही बताएगा।