राजपूत समाज ने करनी सेना के नेतृत्व में प्रदर्शन कर शाहपुरा एसडीएम को ज्ञापन दिया।
शाहपुरा@(किशन वैष्णव) शाहपुरा के ऐतिहासिक राजमहल परिसर में चल रहे जलाशय ओवरहेड टंकी निर्माण को राजपूत समाज ने अवैध बताए हुए उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।ज्ञापन में बताया कि टंकी निर्माण ने ऐतिहासिक धरोहर प्रेमियों और स्थानीय समाज में चिंता पैदा कर दी है।यह परिसर 17वीं शताब्दी में महाराज सूरजमलजी महाराणा प्रताप के पौत्र द्वारा निर्मित किया गया था और 1963 से शिक्षा हेतु दान किया गया। वर्तमान में यहाँ आर्य समाज विद्यालय और राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में लगभग 370 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।राजपूज समाज ने राष्ट्रीय राजपूत करनी सेना के नेतृत्व में उपखंड अधिकारी के नाम ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि इसे अन्यत्र स्थानांतरित किया जाए।कार्य को तुरंत प्रभाव से रोक जाए।निर्माणाधीन टंकी की क्षमता 400 किलोलीटर और ऊँचाई लगभग 101 फीट है।ज्ञापन में बताया की इसकी नींव प्रार्थना स्थल और रानी महल भवन के बिल्कुल पास बनाई गई है। यह स्थल मुख्य सिटी पैलेस भवन से केवल 36 फीट और विद्यालय भवनों से लगभग 70-100 फीट की दूरी पर है। ऐसे निकटता से निर्माण होने से ऐतिहासिक धरोहरों और विद्यार्थियों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।समाज में कार्य रोकने को मांग करते हुए ज्ञापन में बताया को पूर्व जिला कलक्टर को 18 अक्टूबर 2024 को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि राजमहल के मूल स्वरूप में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा। इसके बावजूद निर्माण कार्य जारी रखा गया और इससे महल की ऐतिहासिक संरचना को गंभीर क्षति पहुंची।शिक्षा विभाग, राजस्थान पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने निर्माण को अवैध मानते हुए आपत्ति जताई। उच्च न्यायालय ने 12 अगस्त 2025 को निर्माण कार्य पर रोक लगाने और जिला कलक्टर को अंतिम निर्णय लेने हेतु आदेश जारी किए। बावजूद इसके, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग और ठेकेदार ने निर्माण जारी रखा। परिणामस्वरूप 7 जुलाई 2025 को राजमहल परिसर की एक दीवार और 6 सितंबर 2025 को टंकी स्थल से 50-60 फीट दूर महल का एक हिस्सा गिर गया।नगरपालिका से 4 अक्टूबर 2024 को महलों के चौक में टंकी निर्माण हेतु एनओसी नहीं ली गई, लेकिन इसका प्रयोग परिसर के भीतर किया गया।ज्ञापन के अनुसार शिक्षा विभाग की बार-बार आपत्तियों और पुरातत्व विभाग तथा उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना की गई।राजपूत समाज ने प्रशासन को चेताया है कि यदि 48 घंटे के भीतर निर्माण रोका और टंकी अन्यत्र स्थानांतरित नहीं की गई, तो वे टंकी स्थल पर अनिश्चितकालीन धरना देंगे। समाज ने कहा कि इसके संभावित परिणामों की पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।समाज का कहना है कि वे जल संरक्षण और टंकी निर्माण के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन ऐतिहासिक धरोहर और शिक्षा परिसर के भीतर अवैध निर्माण किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।मामले में अधिकारियों पर नियमों की अनदेखी और उदासीनता का भी आरोप लगाया गया है।


