दिलखुश मीणा
सावर(अजमेर)@स्मार्ट हलचल|गोरधा ग्राम सेवा सहकारी समिति में डीएपी खाद का संकट किसानों की कमर तोड़ रहा है। समिति ने 13 सितंबर को 300 बैग की मांग की थी, लेकिन अब तक एक भी कट्टा उपलब्ध नहीं हुआ। नतीजतन किसानों की रबी की बुवाई पर सीधा असर पड़ा है और खेत खाली पड़े हैं।
कृषि विशेषज्ञ मानते हैं कि डीएपी की कमी की जड़ अंतरराष्ट्रीय आयात निर्भरता, वैश्विक आपूर्ति बाधाएं और सरकारी नीतियों में बार-बार हो रहे बदलाव हैं। सरकार ने एसएसपी (सिंगल सुपर फॉस्फेट) को विकल्प के रूप में उपलब्ध कराने की कवायद शुरू की है, मगर किसानों का कहना है कि डीएपी का कोई विकल्प नहीं।
किसानों ने चेताया है कि यदि समय पर खाद उपलब्ध नहीं हुई तो बुवाई लेट होने से उत्पादन पर बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा।


