—->रामसागर पंचायत के दर्जन भर गांवों में पेयजल संकट।
—->सरकारी नल पर पानी का इंतजार करते रहते हैं ग्रामीण।
महेंद्र कुमार सैनी
स्मार्ट हलचल/नगर फोर्ट एक ओर राज्य सरकार पीने के पानी की सुचारू व्यवस्था का ढोल पीट रही हैं वही दूसरी तरफ जमीनी हकीकत यह हैं कि लोगो में पीने के पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई हैं। रामसागर पंचायत के सरपंच सोनी देवी ने बताया कि गांव रामसागर ,मालीपुरा, गोवर्धनपुरा, जलीमगंज,संग्रामपुरा ,हरिपुरा ,गेरोटा,महाराज कंवरपुरा, फुल सागर अन्य सहित एक दर्जन भर गांवों में बीसलपुर योजना की पेयजल संकट गहरा गया। इसके चलते ग्रामीणों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा हैं। क्षेत्र में जलापूर्ति मुख्यतया भूमिगत जलस्त्रोतों पर निर्भर हैं।गांव में पिछले 5 दिन से जलापूर्ति बंद होने से गम्भीर पेयजल संकट हैं वहीं बीसलपुर जल परियोजना के तहत पानी आने से ही जल संकट से मुक्ति मिली थी लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से जलापूर्ति बंद हैं।
सरकारी नाकारा निजी का सहारा
गांव में पेयजल की कारगर सरकारी व्यवस्था के अभाव में लोग निजी नलकूप और टैंकर संचालकों से महंगे दामों पर पानी खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। गांव में अधिकांश हिस्सों में सरकारी पेयजल व्यवस्था हैं। मगर पर्याप्त जलापूर्ति के अभाव में विभिन्न इलाकों में लोग टैंकरों से पानी खरीद रहे हैं। इसके लिए उनको हर माह 600-800 रूपए तक चुकाने पड़ रहे हैं। वहीं गांव में आए दिन अघोषित विद्युत कटौती व खराबी के चलते पेयजल संकट ओर भी गम्भीर हो जाता हैं। जलदाय एवं विद्युत विभाग के अधिकारी ग्रामीणों की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।


