(बजरंग आचार्य )
स्मार्ट हलचल|पीएम श्री शहीद हरिसिंह राउमा विद्यालय, हमीरवास के छात्रों ने प्रधानाचार्य नरेश बिसू के स्थानांतरण को रद्द करने की माँग को लेकर आज दसवें दिन भी स्कूल का बहिष्कार जारी रखा।
मामले की गंभीरता को देखते हुए शुक्रवार सुबह दस बजे अभिभावक और ग्रामीणजन स्कूल गेट पर एकत्रित हुए। उन्होंने राज्य सरकार से प्रधानाचार्य नरेश बिसू के सात दिन के भीतर किए गए स्थानांतरण को निरस्त करने की माँग का एक ज्ञापन सीबीईओ, राजगढ़ श्रीमती सुमन जाखड़ को सौंपा।
सीबीईओ ने छात्रों और ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि उनकी यह माँग विभागीय उच्चाधिकारियों के माध्यम से सरकार तक पहुँचाई जाएगी। इसके बाद अभिभावकों और उपस्थित ग्रामीणों ने छात्रों से चाबी लेकर पिछले दस दिनों से स्कूल पर लगा ताला खोल दिया। सीबीईओ मैडम, स्कूल स्टाफ और मौजूद अभिभावकों ने छात्र-छात्राओं को कक्षा में जाने के लिए बहुत समझाया, परंतु वे छात्रों को स्कूल जाने के लिए राज़ी नहीं कर पाए।
छात्रों की स्पष्ट माँग
छात्रों का कहना है कि लगभग ढाई वर्ष पूर्व भारत सरकार ने इस स्कूल का चयन पीएम श्रीयोजना के तहत एक मॉडल स्कूल के रूप में किया था। इसका उद्देश्य नई शिक्षा नीति 2020 (एनपीइ 2020) को लागू कर सर्वांगीण विकास करना था।
प्रधानाचार्य नरेश बिसू के नेतृत्व में स्कूल का चयन हुआ था और उन्हें आईआईएम से विशेष प्रशिक्षण भी दिलवाया गया था। छात्रों का तर्क है कि प्रधानाचार्य बिसू के प्रयासों से स्कूल की आधारभूत सुविधाओं, शैक्षिक, सह-शैक्षिक गतिविधियों, खेलकूद और परिणामों में स्पष्ट सुधार देखा जा रहा था।
छात्रों ने स्थानांतरण को ‘अन्याय’ बताते हुए कहा कि: “बीच सत्र में, बिना किसी वैध कारण के, केवल राजनीतिक दुर्भावना के चलते प्रधानाचार्य का तबादला करना न सिर्फ हम छात्रों के साथ अन्याय है, अपितु यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के सपनों से भी मेल नहीं नहीं खाता।”
इस विरोध प्रदर्शन के मौके पर स्कूल स्टाफ, सूबेदार मेघाराम धाँगड़, शहीद हरिसिंह के पुत्र बलबीर श्योरान, मनजीत पुनिया, हरीकान्त, एडवोकेट दिलबाग पूनिया, अजीत श्योरान, राजपाल मास्टर, विजेंद्र चौटाला, दिनेश, बलवान, जयसिंह, अमित, राकेश, और सुरेन्द्र प्रजापत समेत कई अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।


