मूलचन्द पेसवानी
भरतपुर में शुक्रवार, स्मार्ट हलचल|3 अक्टूबर 2025 को हुई घटना के विरोध में शाहपुरा क्षेत्र के निजी विद्यालय संचालक एकजुट होकर आज उपखंड अधिकारी कार्यालय पहुँचे। यहाँ उन्होंने भरतपुर थाना प्रभारी (एसएचओ) की भूमिका पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की माँग करते हुए ज्ञापन सौंपा। विद्यालय संचालकों का कहना था कि यदि समय रहते उचित कार्यवाही नहीं हुई तो वे उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
ज्ञापन सौंपने वालों में स्कूल शिक्षा परिवार, शाहपुरा के अध्यक्ष वीरेन्द्र शर्मा (आलोक स्कूल), शिवकुमार छिपा (आई.पी.एस.), इलियास खान (जी.पी.एस. प्रतापपुरा), शिवप्रकाश रेगर (श्री सिद्धार्थ स्कूल), विजय राजौरा (द्रोणा स्कूल), अजय सिंह (आर्य समाज स्कूल), परमेश्वर सुथार (रामस्नेही संस्कृत स्कूल), हरिशंकर नायक (जी.पी.एस. ढ़िकोला), जगदीश सिंह राजपूत ए-वन टेक्नोमाइंड स्कूल सहित अन्य प्रतिनिधि प्रमुख रूप से शामिल रहे।
विद्यालय संचालकों ने उपखंड अधिकारी सुनील मीणा को सौंपे ज्ञापन में कहा कि भरतपुर में घटी घटना से शिक्षा से जुड़े लोगों की सुरक्षा और गरिमा पर प्रश्नचिह्न लगा है। उन्होंने आरोप लगाया कि थाना प्रभारी की लापरवाही और उदासीन रवैये के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई, जिससे विद्यालय परिवार और शिक्षकों में असुरक्षा की भावना व्याप्त हो गई है।
ज्ञापन में कहा गया कि विद्यालय केवल शिक्षा प्रदान करने का ही नहीं, बल्कि समाज में नैतिकता और संस्कार विकसित करने का केंद्र है। यदि विद्यालय संचालक और शिक्षक स्वयं असुरक्षित रहेंगे तो इसका दुष्प्रभाव बच्चों और अभिभावकों दोनों पर पड़ेगा। विद्यालय संचालकों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि दोषी थाना प्रभारी पर शीघ्र सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो जिलेभर में निजी विद्यालय शिक्षण कार्य का बहिष्कार करेंगे और चरणबद्ध आंदोलन चलाएंगे। इस अवसर पर उपखंड अधिकारी ने विद्यालय संचालकों की बात गंभीरता से सुनी और उन्हें आश्वासन दिया।
ज्ञापन देने के बाद विद्यालय प्रतिनिधियों ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वे न्याय की माँग को लेकर पीछे हटने वाले नहीं हैं। यदि प्रशासन ने जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाया तो वे रैली निकालकर धरना-प्रदर्शन करेंगे।
विद्यालय संचालकों ने उपखंड अधिकारी को यह भी अवगत कराया कि यह माँग केवल किसी एक व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही की नहीं है, बल्कि यह पूरे शिक्षा जगत के सम्मान और सुरक्षा का सवाल है। उन्होंने कहा कि समाज में शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता प्राप्त है और शिक्षकों तथा विद्यालयों के साथ असम्मानजनक व्यवहार किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।


