भैरुं लाल टेलर चांदरास
चांदरास (बागोर) :- चेन्नई के सैदापेट में श्री संजीवनी ज्वाला सेवा मंडल के तत्वावधान में, गुरू सत्यज्वाला की पावन निश्रा में मंगलपाठ, जाप एवं ज्योत महोत्सव का भव्य आयोजन नाहर भवन में हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। गुरुदेव के प्रवचन और 27 वर्षों की साधना समारोह का शुभारंभ मातारानी को दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस पावन अवसर पर, पूज्य गुरू सत्यज्वाला ने अपने प्रवचन के दौरान ज्वालामालिनी माताकी असीम महिमा का वर्णन करते हुए कई प्रेरक दृष्टांत सुनाए। उन्होंने अपनी ज्वालामालिनी माता की साधना के 27 वर्षों के अनुभव का संक्षिप्त विवरण भी भक्तों के साथ साझा किया।
-मंत्रत कलश और कुमकुम अर्चना।
शांत और भक्तिपूर्ण वातावरण में उपस्थित सभी भक्तों ने ज्वाला मैया के 108 जाप भी किए। इसके बाद, सुख-समृद्धि की कामना के लिए मन्नत कलश में श्रद्धापूर्वक मन्त्रत पर्ची डाली गई। गुरूदेव ने स्वयं इन सभी मन्नत पर्चियों पर कुमकुम अर्चना की। कार्यक्रम का समापन माता रानी को ज्योत अर्पण करने और भव्य आरती के साथ हुआ।
-ज्योत और महाआरती के लाभार्थी।
ज्योत के चढ़ावे का पावन सौभाग्य फतेहचंद, प्रिया बहन अंबानी, सुन्दरलाल दुगड़ परिवार को व आरती का लाभ पदम सिंह, विनयकुमार तरूण, करण मुणोत परिवार को एवं साथ ही अन्य लाभार्थियों में गौतमचंद अरूणकुमार लोढ़ा परिवार शामिल रहा।
-भक्ति की रंगत और भक्तों का उत्साह।
इस अवसर पर दुर्ग से पधारी अंजू बहन एवं चेन्नई से महावीर धोका और उषा परमार ने गुरूदेव को वन्दन करते हुए भक्ति गीतों की झड़ी लगा दी, जिससे खचाखच भरे हुए हॉल में सभी श्रद्धालु करतल ध्वनि के साथ भक्ति रस में डूब गए। भक्तों का उत्साह और श्रद्धा देखते ही बन रही थी, श्रद्धालु भक्तगण पुज्य गुरूदेव को नमन करने और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने को आतुर दिख रहे थे। इस दौरान साहुकार पेट के विमल कटारिया सहित कई गणमान्य लोगों ने शिरकत की। समारोह का संचालन मधु गुलेच्छा ने किया।
-कौन हैं ज्वालामालिनी के साधक गुरू सत्यज्वाला।
मूलतः भीलवाड़ा जिले की बागोर उपतहसील क्षेत्र के चान्दरास ग्राम में जन्मेंजाए और साउथ में रहकर पूर्व में लंबे अरसे से अपने साउथ टुडे हिन्दी साप्ताहिक पेपर के संपादक पद से पत्रकारिता के क्षेत्र में बेंगलोर में वर्षों तक सेवारत रहे। चाँदरास निवासी सत्यनारायण जोशी का पिछले 27 वर्षों से झुकाव आध्यात्म की ओर हो चुका हैं। अब वे जिनशासन के अष्टम तीर्थंकर श्री चन्द्रप्रभु भगवान की अधिष्ठायिका मां जवालामालिनी के गहन साधक हैं। बेंगलोर में पूज्य गुरुदेव के निवास स्थान पर महाचमत्कारी शीघ्रफलदायिनी सर्व मनोकामना व मन्नत पूर्णेश्वरी मनोवांछितादायिनी, परचापूरक लक्ष्मीदायिनी, संतानदायिनी, हाजराहजुर जिनशासन के आठवें तीर्थंकर श्री चन्द्रप्रभुस्वामी की अधिष्ठायिका श्री संजीवनी ज्वालामालिनी देवी का नयनरम्य मंदिर है, ज्वालामालिनी की श्वेतवर्ण प्रतिमा बहुत ही मनभावन हैं। मातारानी जहां साक्षात स्वरूप में विराजमान हैं। मैया के दरबार में अंतःकरण से ध्याने वाले श्रद्धालुओं की हर मन्नत सदा पूरी होती हैं। बेंगलोर में जैन धर्म का भारत का पहला श्वेताम्बर शास्त्रोक्त संजीवनी ज्वालामालिनी देवी का मंदिर हैं। जहां देश के विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालु दर्शनार्थ आते हैं। साधक सत्यनारायण जोशी ने अपनी गहन साधना के बल पर मां का विशेष आशीर्वाद प्राप्त किया हैं, इसी कारण अब उनके चाहने वाले जिनशासन के श्रद्धालुगणों ने उन्हें श्री गुरू सत्यज्वाला की पदवी से नवाजा हैं। हाल ही में नवरात्री के दौरान पूज्य गुरुदेव ने पालीताणा में विराजित आचार्य विनय धर्मसरीश्वर म. सा. के विशेष आग्रह पर उन्हें नवरात्री के पहले दिन ऑनलाइन ज्वालामालिनी का जाप मंत्र प्रदान किया।


