अधिकारियों के आश्वासन और पत्राचार के बावजूद नहीं निकला पानी, दलदली हुई कृषि भूमि
मांडलगढ़, स्मार्ट हलचल।बीगोद थाना क्षेत्र के बरूंदनी और बिलोड़ के बीच स्थित खेतों में पिछले 99 दिनों से भरा पानी किसानों के लिए अभिशाप बन गया है। लगातार प्रयासों और अधिकारियों से गुहार लगाने के बावजूद पानी की निकासी नहीं हो सकी, जिससे किसानों में भारी आक्रोश और निराशा है।
किसानों ने पानी की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री, विधायक, सांसद, जिला कलक्टर, उपखंड अधिकारी और तहसीलदार तक से गुहार लगाई, परंतु कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। किसानों ने अपनी समस्या पूर्व विधायक प्रदीप कुमार सिंह को भी बताई, जिन्होंने उपखंड अधिकारी मनमोहन शर्मा से इस पर वार्ता की थी। उपखंड अधिकारी ने कार्रवाई का भरोसा दिया था, मगर 25 दिन बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
2 जुलाई को हुई भारी बारिश के बाद खेतों में पानी भर गया था। 7 जुलाई को समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित होने पर विधायक गोपाललाल खंडेलवाल के निर्देश पर पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता सोहनलाल बैरवा ने मौके पर पहुंचकर जेसीबी और ट्रैक्टर-ट्रॉली से पानी निकासी कार्य शुरू करवाया, लेकिन कुछ स्थानीय लोगों के विरोध के चलते काम रुक गया।
इसके बाद किसानों ने 5 अगस्त को जिला कलक्टर जसमीत सिंह संधू को ज्ञापन दिया। पटवारी ने रिपोर्ट तो बना ली, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। समय बीतने के साथ खेतों का पानी अब काई (खांजी) से ढक गया है और भूमि दलदली बन चुकी है।
किसानों का कहना है कि अब रबी फसल की बुआई का समय भी निकट है, लेकिन खेत उपयोग योग्य नहीं हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि एमडीआर 136 गुरला-मांडलगढ़ मार्ग के निर्माण के समय संवेदक कंपनी रवि कंस्ट्रक्शन ने सड़क के दोनों ओर नालियां नहीं बनाई, जिसके कारण बरसात का पानी खेतों में भर गया।
गौरतलब है कि 7 जुलाई को पीडब्ल्यूडी ने उपखंड अधिकारी को पुलिस बल उपलब्ध कराने का पत्र लिखा था, लेकिन कार्रवाई 9 सितंबर को की गई — यानी तीन माह बाद।
अब किसानों के मन में एक ही सवाल है — क्या खेतों से पानी निकल पाएगा?


