मुकेश खटीक
मंगरोप।कस्बे में डेढ़ साल पूर्व पंचायत प्रशासन द्वारा सीनियर स्कूल के पास श्मशान के मुख्य मार्ग पर बने ऐतिहासिक चबूतरे को तोड़े जाने के बाद से आज तक उसका पुनर्निर्माण नहीं किया गया है।इससे ग्रामीणों में नाराजगी व्याप्त है और क्षेत्रवासियों का कहना है कि पंचायत प्रशासन की लापरवाही किसी दिन बड़ा हादसा करा सकती है।बुजुर्ग गंगाराम किर ने बताया कि लगभग सात दशक पूर्व तत्कालीन महाराजा नाहरसिंह पुरावत ने कस्बे की सुंदरता बढ़ाने और जनसुविधा के उद्देश्य से गांव के प्रमुख स्थानों पर बरगद के पेड़ लगवाकर उनके चारों ओर चबूतरे बनवाए थे।इन चबूतरों का उपयोग ग्रामीण गर्मी के दिनों में विश्राम के लिए और सामाजिक मेल-मिलाप के केंद्र के रूप में करते थे।उन्होंने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले सड़क निर्माण के दौरान पंचायत प्रशासन ने इस पुराने चबूतरे को तोड़ दिया था।उस समय ग्रामीणों ने इसका विरोध भी किया था,जिसके बाद पंचायत ने जल्द ही पुनर्निर्माण का आश्वासन दिया था।मगर आज तक कोई भी कार्य शुरू नहीं हुआ।स्थानीय लोगों का कहना है कि चबूतरा टूटने के बाद बरगद के पेड़ की जड़ें अब खुली हुई हैं,जिससे उसके गिरने का खतरा बना हुआ है। यदि समय रहते इस दिशा में कार्रवाई नहीं की गई तो कभी भी किसी बड़े हादसे की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।ग्रामीणों ने पंचायत प्रशासन से जल्द से जल्द चबूतरे के पुनर्निर्माण की मांग की है ताकि न केवल बरगद के इस पुराने वृक्ष की सुरक्षा हो सके,बल्कि कस्बे की पुरातन धरोहर और सुंदरता भी पुनः बरकरार रह सके।


