भीलवाड़ा । भारतीय संस्कृति का सबसे उल्लासपूर्ण पर्व दीपावली जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे धर्मनगरी भीलवाड़ा में भक्ति और उत्सव का माहौल गहराता जा रहा है। दीपावली के अगले दिन मनाए जाने वाले गोवर्धन पूजा पर्व पर शहर के ऐतिहासिक और प्रसिद्ध संकटमोचन हनुमान मंदिर में आयोजित होने वाले अन्नकूट महोत्सव का भक्तों को बेसब्री से इंतजार है। यह आयोजन हर वर्ष हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बन चुका है, जहाँ भक्तजन महाप्रसाद का लाभ लेने के लिए दूर-दूर से पहुंचते हैं। इस वर्ष 22 अक्टूबर को होने वाले अन्नकूट महोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं। मंदिर के महंत बाबूगिरीजी महाराज के सान्निध्य और निर्देशन में कार्य प्रारंभ हो चुका है। पूरे मंदिर परिसर में सजावट, विद्युत् प्रकाश व्यवस्था और भक्तों की सुविधाओं के लिए विशेष व्यवस्थाएँ की जा रही हैं। भक्तों में इस आयोजन को लेकर भारी उत्साह और श्रद्धा का माहौल है।
जानकारी के अनुसार, इस वर्ष अन्नकूट महाप्रसाद की तैयारी में चार हजार किलो से अधिक सब्जियों का उपयोग किया जाएगा। सब्जियों को तैयार करने के लिए 50 से अधिक अनुभवी हलवाईयों की टीम कार्य करेगी। प्रसाद की तैयारी में 20 टिन तेल और 5 टिन से अधिक शुद्ध घी का प्रयोग किया जाएगा। इसके साथ ही चावल, चवले, पनीर, काजू, बादाम, किशमिश, पिस्ता, केसर जैसे स्वादिष्ट और पौष्टिक तत्वों का उपयोग कर प्रसाद को समृद्ध बनाया जाएगा।
अन्नकूट के स्वाद और सुगंध को बढ़ाने के लिए तेजपत्ता, लौंग, दालचीनी, इलायची और गरम मसाला का तड़का लगाया जाएगा। महाप्रसाद में सब्जियों के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ भी शामिल होंगी, जिनमें मरके, गुलाबजामुन, लड्डू, पेड़ा और खीर जैसी पारंपरिक मिठाइयाँ प्रमुख रहेंगी।
मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी महावीर अग्रवाल, सांवरमल बंसल और रमेश बंसल ने बताया कि अन्नकूट महोत्सव पर सायं महंत बाबूगिरीजी महाराज के सान्निध्य में भव्य महाआरती का आयोजन होगा। इसके बाद भक्तों को महाप्रसाद वितरण प्रारंभ किया जाएगा। इस अवसर पर हनुमानजी महाराज को विशेष चोला भी अर्पित किया जाएगा।
भक्तों की बड़ी संख्या को देखते हुए मंदिर ट्रस्ट की ओर से यातायात, कतार व्यवस्था, पेयजल, स्वच्छता और सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं ताकि किसी भी भक्त को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
इस आयोजन में शहर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से भी भक्तों के आने की संभावना है। हर वर्ष की तरह इस बार भी अन्नकूट के दिन मंदिर परिसर में लंबी कतारें लगने की संभावना है। भक्तों को सुव्यवस्थित रूप से प्रसाद वितरण कराने के लिए सेवाभावी स्वयंसेवकों की टीमें तैनात की जा रही हैं।
अन्नकूट के आयोजन में समाज के सभी वर्गों की सहभागिता देखने को मिल रही है। कोई आर्थिक सहयोग दे रहा है तो कोई सेवा के रूप में अपना योगदान निभा रहा है। श्रद्धालु महिलाएँ भी प्रसाद निर्माण और सजावट में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। मंदिर परिसर में भक्तों की सहायता के लिए स्वास्थ्य सहायता शिविर और जलपान केंद्र भी लगाए जाएंगे।
अन्नकूट के इस विशाल आयोजन को लेकर भक्तों में अपार उत्साह है। मंदिर के चारों ओर वातावरण में भक्ति, श्रद्धा और सेवा का भाव झलक रहा है। महंत बाबूगिरीजी महाराज ने बताया कि अन्नकूट केवल भोजन का आयोजन नहीं, बल्कि “अन्न को भगवान मानने और साझा करने की भारतीय संस्कृति का प्रतीक” है। यह पर्व हमें सेवा, समर्पण और सहयोग का संदेश देता है।
भक्तों में इस बार विशेष उत्साह है क्योंकि इस वर्ष महोत्सव दीपावली सप्ताहांत में पड़ रहा है, जिससे अधिक संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। मंदिर प्रबंधन समिति ने लोगों से अपील की है कि वे स्वच्छता और अनुशासन का पालन करते हुए इस आयोजन में अधिकाधिक भाग लें और अन्नकूट महाप्रसाद का लाभ प्राप्त करें।


