शाहपुरा/पेसवानी
कहते हैं अगर सपनों को सच्चे दिल से पूरा करने का जज़्बा हो तो कोई मुश्किल बड़ी नहीं होती। यह साबित किया है गाँव तहनाल की बेटी ज्योत्सना राणावत ने, जिन्होंने राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS-2025) परीक्षा में 108वीं रैंक हासिल कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। ज्योत्सना की यह उपलब्धि इस बात का उदाहरण है कि सीमित संसाधनों के बावजूद अगर लक्ष्य बड़ा हो और मेहनत सच्ची, तो सफलता निश्चित है। ग्रामीण परिवेश में रहकर और सरकारी स्कूलों से शिक्षा प्राप्त कर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है।
ज्योत्सना की प्रारंभिक शिक्षा कक्षा 8वीं तक जीजीयूपीएस तहनाल (सरकारी बालिका विद्यालय) से हुई। इसके बाद कक्षा 9वीं और 10वीं की पढ़ाई सरकारी बालिका विद्यालय, शाहपुरा में की।
कक्षा 11वीं और 12वीं (विज्ञान-गणित) की पढ़ाई सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय, शाहपुरा से पूरी करने के बाद उन्होंने बीएससी की डिग्री पीएसबी कॉलेज, शाहपुरा से और बीएड की पढ़ाई रामसनेही कॉलेज, शाहपुरा से पूरी की।
ज्योत्सना के परिवार ने सदैव उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। पिता का सपना और माता-पिता का विश्वास, ज्योत्सना की लगन और परिश्रम के साथ मिलकर आज सफलता की कहानी बन गया।
ज्योत्सना कहती हैं कि सफलता का रास्ता कठिन जरूर था, लेकिन परिवार का साथ, शिक्षकों का मार्गदर्शन और स्वयं पर विश्वास ने उन्हें आगे बढ़ने की ताकत दी। उन्होंने कहा कि “सरकारी स्कूल से निकलकर प्रशासनिक सेवा तक पहुंचना इस बात का प्रमाण है कि मेहनत और निष्ठा से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।”
ज्योत्सना की इस उपलब्धि की खबर मिलते ही तहनाल गाँव और शाहपुरा क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों ने मिठाई बाँटकर बेटी की सफलता का जश्न मनाया। हर कोई गर्व से कह रहा था – “हमारी बिटिया अब RAS अधिकारी बन गई है।”
इस सफलता ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि ग्रामीण भारत की बेटियाँ किसी से कम नहीं हैं। ज्योत्सना राणावत की मेहनत और उपलब्धि उन तमाम छात्राओं के लिए प्रेरणा बनेगी जो सीमित साधनों के बावजूद बड़े सपने देखने का साहस रखती हैं।


