भीलवाड़ा । भीलवाड़ा यूआईटी अक्सर भ्रष्टचार के आरोपों से गिरी रहती है कई बार यूआईटी के अधिकारियों और कर्मचारियों पर भ्रष्ट होने के आरोप लग चुके है । अब यूआईटी की बहुचर्चित भूखंड आवंटन योजना भी सवालों के घेरे में खड़ी हो चुकी है 16 तारीख को 8 आवासीय योजनाओं की लॉटरी नगर निगम सभागार में मंत्री झाबर सिंह की मौजूदगी में निकाली गई थी लॉटरी निकालने के दौरान ही बवाल मच गया था और यूआईटी की लॉटरी प्रक्रिया पर गंभीर आरोप लगे थे अब इसका विरोध भी तेज होने लगा है और इस योजना में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप लगने शुरू हो गए है । शनिवार को शहरवासियों ने यूआईटी की भूखंड लॉटरी के विरोध में कलेक्ट्रेट पर जमकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की साथ ही जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और फर्जीवाड़े को उजागर करने की मांग रखी । ज्ञापन में आरोप लगाया की लॉटरी प्रक्रिया में नियम विरुद्ध भूखंड आवंटन हुए है इसमें अधिकारियों और अपने चहेतो को यूआईटी ने प्लोटो का आवंटन किया है साथ ही एक ही परिवार में दो से तीन प्लॉट आवंटित किए है । यूआईटी ने 3081 प्लॉट का आवंटन लॉटरी द्वारा किया जिसे ऑफलाइन बताया गया था लेकिन उसे ऑनलाइन कर दिया जिसका भी पूर्व में विरोध किया लेकिन यूआईटी ने बात नही मानते हुए अपनी मन मर्जी की ओर ऑनलाइन आवेदन लेकर लॉटरी प्रक्रिया को पूरा किया जिसमे बिल्कुल भी पारदर्शिता नही रही जिसमे अच्छी खासी धांधली हुई और आमजनता के साथ खिलवाड़ और धोखा किया गया । आरोप लगाए गए की 90000 आवेदन में से 87000 फॉर्म भी शामिल थे या नही यह भी स्पष्ट नही है । कई आवेदनकर्ताओं ने अपनी आय कम दर्शाकर उक्त केटेगिरी में अप्लाई कर दिया । लोगो ने जिला कलेक्टर से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए गलत तरीके से किए गए आवंटन निरस्त करने और फर्जीवाड़े को उजागर करने की मांग की है अगर ऐसा नही होता है तो जनता उग्र आंदोलन करने को मजबूर होगी ।


