बूंदी-स्मार्ट हलचल|स्नेक एक्सपर्ट जयेन्द्र खत्री 4-5 साल में करीब 2000 से ज्यादा सांपों का रेस्क्यू कर चुके हैं , यह निशुल्क सेवा देते है। सांप का नाम सुनते ही जहन में कंपकंपी छूट जाती हैं। जिन सांपों से आमजन डर कर भागने लगते है, वही “जैरी भैया” के नाम से प्रसिद्ध स्नेक एक्सपर्ट जयेंद्र खत्री सांपों का रेस्क्यू करने पहुंच जाते है।बूंदी के नैनवा रोड निवासी , स्नेक एक्सपर्ट जयेन्द्र खत्री 4-5 साल में अब तक विभिन्न प्रजातियों के सरीसृप , सांपों का रेस्क्यू कर चुके हैं। हैरत की बात है कि रेस्क्यू किए जाने वाले सांपों में अधिकतर बेहद जहरीले सांप होते हैं।
उन्होंने बताया कि अंधविश्वास या अज्ञानता के चलते इन खूबसूरत और शांत सरीसृप (सांप )को मार दिया जाता है। कई साल पहले साँप को मारने की घटना से स्नेक एक्सपर्ट जयेन्द्र खत्री को बहुत तकलीफ़ हुई , जबसे उन्होंने इन रेप्टाइल्स सरिसरपो पर अध्ययन करना शुरू कर दिया और इन वाइल्डलाइफ एनिमल्स का रेस्क्यू करना सीख लिया ! उसी के बाद उन्होंने भी वाइल्डलाइफ एनिमल्स पकड़कर सुरक्षित जंगल में छोड़ने का काम शुरु कर दिया। इस काम के लिए स्वयं को बहुत ख़ुशी मिलती है। यह काम यह निशुल्क करते हैं। लेकिन जिला प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। जिला प्रशासन को चाहिए कि ऐसे प्रतिभाशाली युवक की जिला प्रशासन की ओर से होसला अफजाई की जावे।
एक फोन पर वे तुरंत बाइक से मौके के लिए रवाना हो जाते हैं
स्नेक एक्सपर्ट जयेन्द्र खत्री ने बताया कि पिछले 5 साल से इस काम को करते हुए अब सांपों से ऐसी दोस्ती हो गई है कि वह चाहकर भी उनसे दूर नहीं रह सकते हैं। इसी लगाव के चलते जहां से भी सूचना आती है, वहां सांपों का रेस्क्यू करने जाँन हथेली में लेकर अपनी रिस्क पर चले जाते हैं।
आमजन में वन्य जीवों (जानवरो )के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से, सोशल मीडिया पर भी अपना चैनल बना रखा है ( @wildlifeloverjerrybro ) !
इनका कहना है कि प्रत्येक सांप विषैला नहीं होता ! अधिकांश भारत में किंग कोबरा, कोबरा, करैत , वाइपर जाति के सांप ही सब से ज्यादा विषैले होते हैं बाकी कई सांप कम विषैले या विष-रहित होते है , इनसे मानव जाती को कोई खतरा नहीं है , इनका अस्तित्व एनवायरनमेंट सिस्टम के लिए बहुत जरुरी है।
सांप के काटने पर किसी को भी झाड़-फूंक के चक्कर में नहीं आना चाहिए तुरंत ही अस्पताल में जाकर डॉक्टर को दिखाना चाहिए ।
सांप किसी व्यक्ति को देखते ही छिपने का प्रयास करता है। स्वयं पर खतरा महसूस करने पर ही हमला करता है। क्षेत्र में धामण और कोबरा सांप अधिक पाये जाते है। अधिकांश सांप चूहों के बिल में रहते हैं, भोजन की तलाश में ही निकलते हैं। कोबरा और वाइपर सांप जहरीला होने के साथ गुस्सैल भी होता है, इसके काटने पर समय से इलाज नहीं मिला तो व्यक्ति की मौत तक हो जाती है।
इन्होने बताया कि अब तक यह ना जाने कितनी साँप की प्रजाति का रेस्क्यू कर चुके है जिनमे से कोबरा, वाइपर, करैत, रेड सैंड बोआ (दोमुंहा सांप ), मॉनिटर लिजर्ड (गोई/गोयरा), अजगर, उल्लू का रेस्क्यू कर जंगल में सुरक्षित छोड़ा ।
अभी शुक्रवार को देर रात को दिपक राठौड़ द्वारा देने पर कालामहलों की गली में पहुचा जहां पर सांप मकान के बाहर दोड लगा रहा था जिसे मैंने रेस्क्यू कर पकड कर डिब्बे में बंद कर वहां से ले जाकर जंगल में छोड़ा। चार पांच दिन में इस गली में यह दूसरी घटना है पूर्व में एक सांप इसी गली में ओमप्रकाश राठौड़ के मकान के अंदर से पकड़ा था।