आदर्श विद्या मंदिर रायपुर के पूर्व छात्रों का दीपावली स्नेह मिलन समारोह हुआ संपन्न
किशन खटीक/
रायपुर 19 अक्टूबर, पंच परिवर्तन अपनाकर राष्ट्र को मजबूत करें। राष्ट्र के बिना सब व्यर्थ है ।उक्त विचार विद्या भारती भीलवाड़ा के सदस्य एवं मुख्य वक्ता सुरेश कुमार ने आदर्श विद्या मंदिर परिसर में पूर्व छात्र परिषद रायपुर द्वारा आयोजित दीपावली स्नेह मिलन कार्यक्रम में विद्यालय के पूर्व भैया बहनों एवं पूर्व आचार्य दीदीयों के समक्ष व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राध्यापक किशनलाल खटीक ने की। मुख्य अतिथि चार्टेर्ड अकाउंटेंट संदीप टेलर,विशिष्ट अतिथि दुष्यंत तंवर,दीक्षा नराणिया,प्राध्यापक भेरूलाल खटीक आदि थे। मुख्य वक्ता सुरेश कुमार ने कहा कि आने वाले समय की चुनौतियों के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पंच परिवर्तन का मार्ग अपनाएं। मुख्य अतिथि किशनलाल खटीक ने कहा कि विद्या भारती के विद्यालयों के माध्यम से संस्कार लेकर राष्ट्रीय विचारों को आगे बढ़ाएं। पूर्व व्यवस्थापक एवं प्रशासक इंजीनियर रामेश्वर लाल छीपा ने प्रेरक उद्बोधन प्रदान किया। विद्या भारती के जिला सचिव देवराज सिंह राणावत ने पूर्व छात्र परिषद को सेवा कार्यों की ओर अग्रसर होने का आह्वान किया। कार्यक्रम के संयोजक वरिष्ठ अध्यापक व पूर्व छात्र किशन जांगिड़ व कमलेश छीपा ने समस्त अतिथियों का तिलक व दुपट्टा पहना भगवान रामलला की तस्वीर देकर सम्मान किया। समस्त पूर्व छात्रों द्वारा आदर्श विद्या मंदिर के प्रारंभ होने से लेकर आज तक विभिन्न सेवाओं में संलग्न आचार्यों व दीदीयों का रामलला की तस्वीर देकर सम्मान किया गया। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष राधेश्याम काबरा,उपाध्यक्ष राष्ट्रीय बाल साहित्यकार डा0सत्यनारायण तातेला, सचिव घीसालाल कुमावत, पूर्व छात्र भरत मंडोत, जगदीश सोमाणी, सागर मूंदड़ा,डॉ.आदित्य नारायण दाधीच,पूर्व प्रधानाचार्य विजय सिंह चुंडावत, प्रधानाचार्य मदन लाल प्रजापत, रामलाल सुथार, रामचंद्र सालवी रघुसिंह चुंडावत, समुद्र सिंह, कालू शंकर दाधीच, लकी वैष्णव,दीपक छीपा, देवेंद्र माली, सरोज शर्मा, शीला छीपा, सुनीता जाट सहित बड़ी संख्या में पूर्व छात्र पूर्व आचार्य सहित शिक्षा से जुड़े शिक्षाविद उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन आचार्य काना पुरी गोस्वामी ने किया। 90% से अधिक अंक लाने वाले समस्त पूर्व भैया एवं बहनों का भी अतिथियों द्वारा सम्मान किया गया। कवि राधेश्याम जांगिड़ ने कविताओं के माध्यम से हास्य रस प्रस्तुत कर खूब तालियां बटोरी।


