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प्रयागराज में मारपीट के घायल की मौत से मचा बवाल — पुलिस की सुस्ती पर भड़के परिजन, बोले: समय पर कार्रवाई होती तो बच जाती जान

खीरी थाना क्षेत्र के धोबहट लेड़ियारी गांव में 22 अक्टूबर को दो पक्षों में हुआ था विवाद — इलाज के दौरान तौलन की मौत से परिवार में कोहराम, पहले से जेल में बंद तीनों आरोपी अब हत्या की धाराओं में फंसेंगे

ब्यूरो रिपोर्ट

प्रयागराज खीरी :- स्मार्ट हलचल|खीरी थाना क्षेत्र के धोबहट लेड़ियारी गांव में बीते सप्ताह हुए विवाद के दौरान गंभीर रूप से घायल व्यक्ति तौलन की रविवार रात इलाज के दौरान मौत हो गई। मौत की खबर लगते ही परिजनों ने जिला अस्पताल में हंगामा कर दिया। उनका आरोप है कि अगर पुलिस ने शुरुआत में ही गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर सख्त कार्रवाई की होती, तो तौलन की जान बच सकती थी।

घटना 22 अक्टूबर की रात करीब 11:30 बजे की है, जब गांव में दो पाटीदार पक्षों के बीच किसी पुराने विवाद को लेकर झगड़ा हो गया। देखते ही देखते कहासुनी हिंसक टकराव में बदल गई। दोनों ओर से लाठी-डंडे चले, जिसमें तौलन, कलेक्टर और अवधेश गंभीर रूप से घायल हो गए थे। तीनों को जिला अस्पताल लाया गया, जहां तौलन की हालत नाजुक बनी रही।

रविवार रात उपचार के दौरान तौलन ने दम तोड़ दिया। मौत की खबर सुनते ही परिवारजन और ग्रामीण अस्पताल में जमा हो गए और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और किसी तरह स्थिति को काबू में किया।

इस मामले में अवधेश की पत्नी मनोजा देवी की तहरीर पर 23 अक्टूबर को पुलिस ने नामजद मुकदमा दर्ज किया था। तीनों आरोपी — वकील, पवन (पुत्र जैनीलाल) और जैनीलाल पुत्र गोमती (निवासी धोबहट लेड़ियारी) — को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। उस समय पुलिस ने इस मामले को सिर्फ मारपीट की सामान्य धाराओं में दर्ज किया था।

परिजनों का कहना है कि पुलिस की यह लापरवाही और ढीली कार्रवाई ही तौलन की मौत की बड़ी वजह है। अब जब मौत हो गई है, तब जाकर पुलिस हत्या की धाराएं बढ़ाने की बात कर रही है।

रविवार देर रात स्वरूपरानी चौकी पुलिस ने शव का पंचायतनामा भरवाकर पोस्टमार्टम कराया। थाना प्रभारी कृष्ण मोहन सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद धाराएं बढ़ाई जाएंगी और आरोपियों को हत्या (धारा 302) के तहत रिमांड पर लिया जाएगा।

ग्रामीणों ने बताया कि दोनों पक्षों में पहले से तनाव था और पुलिस को इसकी जानकारी भी थी, लेकिन कोई रोकथाम नहीं की गई। अब गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है, जिसके चलते पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

तौलन की मौत ने फिर एक बार पुलिस की सुस्ती और गैर-जिम्मेदाराना रवैये पर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजनों का कहना है कि यदि समय रहते सख्त कार्रवाई की जाती, तो आज तौलन जिंदा होता। अब गांव के लोग प्रशासन से न्याय और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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