बूंदी- स्मार्ट हलचल|बूंदी रेलवे स्टेशन कॉलोनी में बीती रात एक दर्जन सरकारी आवास में चोरी की वारदातों से रेलवे कर्मचारियों में हडकंप मच गया है। चोरों ने रात के अंधेरे में सूने आवासों के ताले तोड सोना-चांदी के आभूषण, नकदी, कपडे, जुते और अन्य कीमती सामान पर हाथ साफ कर लिया। इतनी बडी वारदात के बावजूद कॉलोनी में किसी को भनक तक नहीं लगी। चोर एक आवास से दो जरकीन चोरी कर ले गये लेकिन खुदकी एक जरकीन वही पर छोड गये।
चोरों ने उन आवास को निशाना बनाया, जिनमें रहने वाले कर्मचारी रात की ड्यूटी पर थे या परिवार सहित बाहर गए हुए थे। चोर बेखौफ होकर रेलवे कॉलोनी के लगभग 12 सरकारी आवासों में सेंध लगाकर चोरी की वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए। चोरी की घटना हनुमान कूमावत, मेघराज मीणा, सीताराम नागर, शेर अली खान, महेंद्र मीणा, पिंटू मीणा, राजेंद्र कुमार राजपूत,
हरिओम, राजेंद्र कुमार, महेश यादव, रामप्रसाद मीणा और रामकिशन मीणा के आवास में हुई हैं। रेलवे कर्मचारी मेघराज मीणा ने बताया कि वह छुट्टी
पर था और रात करीब 3 बजे ताला लगाकर गांव गया था। सुबह पडोसियों ने फोन कर जानकारी दी कि कॉलोनी में चोरी हो गई है। घर के ताले टूटे हुए है सामान बिखरा पडा हुआ है। सूचना पर सदर थाना पुलिस और रेलवे पुलिस मौके पर पहुंची। दोनों टीमों ने सभी आवासों का मौका मुआयना कर साक्ष्य जुटाए। रेलवे पुलिस उप निरीक्षक श्याम सुंदर सिंह ने बताया कि हमारे पास कुल 10 जवानों का स्टाफ है, जिनमें से कुछ छुट्टी पर रहते हैं।
ऐसे में केवल 6 ही लोग ड्यूटी
पर होते हैं, जिन्हें स्टेशन, गोदाम और ट्रेनों की निगरानी करनी होती है। इसके बावजूद हमने दो कर्मचारियों को कॉलोनी की गश्त पर लगाया हुआ है।
उन्होंने बताया कि रात 12 बजे तक एक कर्मचारी गश्त पर था, उसके बाद दूसरा कर्मचारी बाइक से गश्त कर रहा था।
यह वारदात कब और कैसे हुई, किसी को पता नहीं चला। श्याम सुंदर सिंह ने बताया कि नफरी बढाने के लिए विभाग को लिखा गया है, साथ ही 48 सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव भी भेजा गया है। स्वीकृति मिलने का इंतजार किया जा रहा है। कॉलोनी में रहने वाले रेलवे कर्मचारियों और उनके परिजनों ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है। पहले भी कई बार चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन किसी भी वारदात का खुलासा नहीं हुआ। इस बार एक साथ इतने आवासों में चोरी होना कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है।
कर्मचारियों ने कहा कि रात में ज्यादातर पुरुष कर्मचारी ड्यूटी पर होते हैं। घरों में महिलाएं और बच्चे रहते हैं। अगर सुरक्षा नहीं बढाई गई, तो कभी भी बडा हादसा हो सकता है। उन्होंने रेलवे प्रशासन से कॉलोनी में रात की गश्त बढ़ाने और सीसीटीवी कैमरे लगाने मांग की है। रेलवे कर्मचारियों ने यह भी कहा कि बूंदी में आरपीएफ के जवान स्टेशन पर तो हैं, लेकिन कॉलोनी और की एवं आसपास की सुरक्षा के लिए जीआरपी थाना जरूरी है। वर्तमान में जीआरपी थाना कोटा में है, वहां से अधिकारी कभी-कभार यहां आते हैं, लेकिन स्थायी थाना न होने से कॉलोनी की सुरक्षा व्यवस्था कमजोर पड जाती है। कर्मचारियों ने मांग की है कि बूंदी में भी जीआरपी थाना खोला जाए, ताकि रेलवे स्टेशन और कॉलोनी दोनों क्षेत्रों में सुरक्षा प्रभावी हो सके। रेलवे कॉलोनी में हुई यह चोरी की वारदात न केवल पुलिस की गश्त व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि रेलवे सुरक्षा प्रणाली में भी खामियां उजागर करती है। अब देखना यह होगा कि पुलिस और रेलवे प्रशासन कब तक चोरो तक पहुंच पाते हैं।


