(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
लखनऊ। स्मार्ट हलचल|कहते हैं प्यार में इंसान दुनिया से लड़ सकता है और मुजफ्फरनगर की नेहा अंसारी ने यह बात साबित कर दी। पांच साल के लिव-इन रिलेशनशिप के बाद नेहा ने अपने प्रेमी सुरजीत गौतम के साथ हिंदू धर्म अपनाकर मंदिर में शादी कर ली। शादी के बाद जारी एक वीडियो में नेहा ने अपने परिवार से जान को खतरा बताते हुए पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है।
यह मामला बरेली जनपद के बहेड़ी थाना क्षेत्र के हरपुर बहरुआ गांव का है। यहां के निवासी सुरजीत गौतम की मुलाकात कुछ वर्ष पहले काम के सिलसिले में मुजफ्फरनगर में नेहा अंसारी से हुई थी। मुलाकात दोस्ती में बदली और फिर दोस्ती प्यार में बदल गई। दोनों एक-दूसरे के बिना रह नहीं सकते थे, लेकिन नेहा के परिवार वाले इस रिश्ते के खिलाफ थे।
परिवार की नाराज़गी के बावजूद नेहा ने अपने प्रेमी के साथ रहने का फैसला किया। वह अपना घर छोड़कर सुरजीत के साथ उत्तराखंड के रुद्रपुर चली गई। वहां दोनों पिछले पांच साल से साथ रह रहे थे। जब रिश्ते की नींव मजबूत हो गई, तो दोनों ने शादी करने का निर्णय लिया। शनिवार को बरेली के एक मंदिर में उन्होंने सात फेरे लेकर अपने रिश्ते को वैवाहिक बंधन में बदल दिया।
शादी के दौरान मंदिर में मौजूद लोगों ने उनके फेरे लेने का वीडियो भी बनाया, जो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में नेहा मांग में सिंदूर भरवाते और वरमाला पहनाते नजर आ रही है। शादी के बाद उसने घोषणा की कि अब उसका नाम “नेहा कुमारी” है और उसने अपनी मर्जी से हिंदू धर्म अपनाया है।
नेहा ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि उसने यह फैसला किसी दबाव में नहीं, बल्कि अपनी इच्छा से लिया है। उसने बताया कि उसकी मां बचपन में किसी और के साथ चली गई थी और पिता का उसके साथ व्यवहार हमेशा कठोर रहा। ऐसे माहौल में उसने खुद के जीवन का फैसला खुद करने का साहस जुटाया।
शादी के बाद नेहा ने कहा कि अब वह अपने पति सुरजीत के साथ खुश है, लेकिन उसे अपने परिवार से जान का खतरा है। उसने प्रशासन और पुलिस से सुरक्षा देने की अपील की है ताकि वह और उसका पति भयमुक्त जीवन जी सकें।
इस प्रेम विवाह ने पूरे इलाके में चर्चा का माहौल बना दिया है। कोई नेहा के साहस की तारीफ कर रहा है, तो कोई इसे सामाजिक परंपराओं के खिलाफ मान रहा है। पुलिस ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है और युवती की सुरक्षा की जिम्मेदारी का आश्वासन दिया है।
नेहा और सुरजीत की यह कहानी समाज के लिए एक संदेश बन गई है — कि जब प्यार सच्चा हो, तो धर्म, जाति और समाज की दीवारें भी टिक नहीं पातीं। नेहा ने अपने साहस से यह साबित कर दिया कि प्रेम इंसान को हर बंधन से आज़ाद कर देता है।


