श्री संकट हरण हनुमत धाम एवं श्री संकटमोचन आदर्श गोशाला परिसर में होगा भव्य आयोजन
श्रीमद्भागवत कथा, संत समागम व सद्गुरु मूर्ति प्रतिष्ठा मुख्य आकर्षण
शक्करगढ़। मूलचन्द पेसवानी
परमहंस संत ब्रह्मलीन अमराव महाराज ‘निरंजनी’ की प्रथम निर्वाण तिथि के उपलक्ष्य में 25 नवम्बर से 3 दिसम्बर 2025 तक श्री संकट हरण हनुमत धाम एवं श्री संकटमोचन आदर्श गोशाला परिसर, शक्करगढ़ में भव्य निर्वाण महोत्सव का आयोजन होगा। यह आयोजन परमादर्श महामंडलेश्वर स्वामी जगदीश पुरी महाराज के पावन सानिध्य में सम्पन्न होगा।
आयोजन समिति के अनुसार इस दिव्य महोत्सव के अंतर्गत श्रीमद्भागवत कथा, संत समागम, भजन संध्या तथा ब्रह्मलीन सद्गुरु अमराव महाराज की मूर्ति प्रतिष्ठा के विशेष कार्यक्रम होंगे। यह आयोजन शक्करगढ़ ही नहीं, अपितु संपूर्ण क्षेत्र के लिए अध्यात्म और सेवा का एक अद्भुत संगम सिद्ध होगा।
शोभायात्रा से होगा शुभारंभ–
आयोजन का शुभारंभ 25 नवम्बर को प्रातः 11 बजे हनुमत धाम मंदिर से विशाल शोभायात्रा के साथ होगा, जो नगर भ्रमण करती हुई गोशाला परिसर पहुंचेगी। यहां दीप प्रज्वलन, व्यास पूजन एवं कथा का शुभारंभ किया जाएगा।
प्रत्येक दिन प्रातः 11:30 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक श्रीमद्भागवत कथा एवं 3:30 से 5:00 बजे तक प्रवचन सत्र आयोजित होंगे। कथा का वाचन महामंडलेश्वर स्वामी जगदीश पुरी महाराज द्वारा किया जाएगा।
गीता जयंती व मूर्ति प्रतिष्ठा–
2 दिसम्बर को प्रातः 8:15 बजे गीता जयंती एवं ब्रह्मलीन सद्गुरुदेव अमराव महाराज की मूर्ति प्रतिष्ठा का भव्य अनुष्ठान सम्पन्न होगा। उसी रात्रि भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भक्तिरस की अविरल धारा बहेगी।
3 दिसम्बर को प्रातः श्रद्धांजलि सभा, पुष्पांजलि और पूर्णाहुति भंडारा के साथ इस नौ दिवसीय महोत्सव का समापन होगा।
इस बीच 27 नवम्बर की रात्रि 8 बजे कवि बुद्धि प्रकाश दाधीच की संगीतमय प्रस्तुति ‘श्रीबुद्धिप्रकाशम’ विशेष आकर्षण रहेगी।
देशभर से संत-महात्माओं का आगमन–
इस महोत्सव में देश के विभिन्न तीर्थों जैसे हरिद्वार, काशी, ओंकारेश्वर, ऋषिकेश, गुजरात, मुंबई, टोंक, बीकानेर, राजस्थान आदि स्थानों से प्रतिष्ठित संत-महात्मा शक्करगढ़ पधारेंगे।
प्रमुख संतों में विशोकानंद भारती, आनंद चैतन्य सरस्वती, प्रणव चैतन्यपुरी, रामदयाल महाराज, अर्जुनराम महाराज, विद्यानंद सरस्वती, आशुतोषानंद गिरि, विश्वेश्वरानंद गिरि, दिव्यानंदपुरी, विजयानंदपुरी, सच्चिदानंद गिरि, बालकानंद गिरि, हंसराम महाराज, सत्यानंद गिरि, प्रकाश दास, शेषानंद सहित अनेक संत-महात्मा पधारकर साधकों को आशीष देंगे।
कथा के यजमानों की पुण्य भागीदारी–
इस पावन कथा में 51 यजमान परिवार पुण्य भागीदार बनेंगे। इनमें जोधपुर, भीलवाड़ा, पाली, अहमदाबाद, केकड़ी, बूंदी, जयपुर, मुंबई, गुजरात, नीमच, इंदौर, कोटा, बिजौलियाँ, मांडलगढ़, जहाजपुर, शाहपुरा आदि नगरों से श्रद्धालु परिवार शामिल हैं।
प्रमुख यजमानों में पुष्पा शर्मा (जोधपुर), उमा दत्त शर्मा-भारती शर्मा (जोधपुर), रेणु मंडोरा-जितेन्द्र मंडोरा (अहमदाबाद), डॉ. मीनाक्षी सोनी-डॉ. जयप्रकाश सोनी (जोधपुर), भंवरसिंह राठौड़ (पाली), रामावतार डोडिया (केकड़ी), भवानीलाल धाकड़ (बिजौलियाँ), टी.सी. चौधरी (भीलवाड़ा), पूरण कारिहा (केकड़ी) सहित अनेक श्रद्धालु यजमान होंगे।
भंडारार्थ सेवा में समर्पण–
भंडारार्थ विशेष सेवा के पुण्यार्थियों में पुष्पा शर्मा परिवार (जोधपुर), देवी सिंह राठौड़ (पाली), रामावतार डोडिया (केकड़ी), दिनेश तोषनीवाल (गुलाबपुरा), भवानीलाल धाकड़ (बिजौलियाँ), सुरेशचंद्र रुईया (गंगापुर), बालकिशन अरोड़ा (दिल्ली), पूरणमल कारिहा (केकड़ी), रामलाल सिसोदिया (पाली), सुशील कुमार जैन (भीलवाड़ा), महेन्द्र शर्मा (जोधपुर), सत्यनारायण व्यास (इंदौर), गजानन खंडेलवाल (मुंबई) सहित अनेक श्रद्धालु परिवार अपनी सेवा समर्पित करेंगे।
भक्ति, सेवा और संत समागम का अद्भुत संगम–
आयोजन समिति के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र जोशी ने बताया कि यह निर्वाण महोत्सव केवल एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि भक्ति, सेवा, संत परंपरा और गुरुभावना का एक जीवंत संगम होगा।
उन्होंने बताया कि संत ब्रह्मलीन अमराव महाराज ने अपने जीवन में साधना, सेवा और सदाचार के माध्यम से समाज को दिशा देने का जो कार्य किया, उसी की स्मृति में यह आयोजन उनके प्रति श्रद्धा-सुमन अर्पण का प्रतीक है।


