विक्रम सिंह @काछोला । भीलवाड़ा जिले के काछोला बाईपास पर यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है बिना स्पीड ब्रेकर, बिना निगरानी और बिना किसी रोक-टोक के वाहन रफ्तार से गुजर रहे हैं भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में धड़ल्ले से तेज़ टेप रिकॉर्डर बजाते वाहन, दुकानों के आगे सड़कों पर फैले ठेले और अवैध पार्किंग ने राहगीरों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की चुप्पी अब हादसे को न्योता देने जैसी बन चुकी है रोज़ाना स्कूल जाने वाले बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं इस मार्ग पर भय के साए में चलते हैं कल शाम जयपुर से मांडलगढ़ जा रही रोडवेज बस करीब आधे घंटे तक जाम में फंसी रही, जबकि मौके पर कोई जिम्मेदार अधिकारी नजर नहीं आया यह स्थिति कोई नई नहीं है — हर दिन इसी तरह जाम और अफरा-तफरी का आलम रहता है ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र ही स्पीड ब्रेकर, संकेतक बोर्ड और ठेला नियंत्रित ज़ोन की व्यवस्था नहीं की गई तो वे मजबूर होकर आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे
अब सवाल यह है —काछोला क्षेत्र में ना किसी अधिकारी का ध्यान हे ना ही किसी जनप्रतिनिधि,का क्षेत्र में गुजरने वाले व कस्बे को ग्रामीण अंचल में जोड़ने वाले प्रत्येक रोड की खस्ताहाल हालत हे आठ ग्राम पंचायतों को पूर्व में जहाजपुर में जोड़ दिया गया अब उन आठों ग्राम पंचायत के आधे कार्यालय मांडलगढ़ हे आधे जहाजपुर ऐसे में अब क्षेत्र के ग्रामीण खुद को अब ठगा सा महसूस करते नजर आ रहे हे कस्बे में अनाज मंडी बनी हुई हे लेकिन विभाग की लापरवाही से उसमें कोई कर्मचारी मौजूद नहीं हे ,, वही क्षेत्र कृषि आधारित क्षेत्र हे खाद ( यूरिया ) के लिए भटकता नजर आता हे या फिर कालाबाजारी का शिकार होता हे जिससे उसको मूल्य से कई ज्यादा मूल्य देकर खरीदना पड़ता हे ।


