(बजरंग आचार्य)
सादुलपुर|स्मार्ट हलचल|ग्राम पंचायत पहाड़सर में सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार, सरकारी धन के गबन, और ग्राम पंचायत क्षेत्र में साफ-सफाई एवं अव्यवस्था के गंभीर आरोपों की जांच को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। शिकायतकर्ता मुकेश पारीक ने पंचायत समिति राजगढ़ के खंड विकास अधिकारी को एक पत्र सौंपकर वर्तमान जांच समिति की संरचना पर गंभीर आपत्ति दर्ज कराई है, जिसे ‘प्रदर्शित न्याय’ के सिद्धांतों के विपरीत बताया गया है।
शिकायतकर्ता पारीक ने बताया कि वर्तमान जांच समिति में केवल पंचायत समिति के दो अधिकारी शामिल हैं, जो उसी पंचायत के कार्यों की निगरानी करते हैं, जिससे जांच की निष्पक्षता संदिग्ध हो जाती है। इसके अलावा, समिति का आवश्यक कोरम भी पूरा नहीं किया गया है। वित्तीय अनियमितताओं और सरकारी धन के गबन जैसे गंभीर आरोपों के बावजूद, समिति में लेखों और पत्रों की जांच के लिए किसी भी लेखा अधिकारी या लेखा निरीक्षक को शामिल नहीं किया गया है। शिकायत में यह भी बताया गया कि जांच को व्यापक और पारदर्शी बनाने के लिए अन्य महत्वपूर्ण विभागों जैसे ग्रामीण अभियंत्रण या राजस्व के अधिकारियों/कर्मचारियों को भी बाहर रखा गया है।
शिकायतकर्ता ने बीडीओ से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए अनुरोध किया है कि नियमों के अनुसार एक निष्पक्ष और पारदर्शी जांच समिति का पुनर्गठन किया जाए, जिसमें पंचायती राज नियमों के अधीन कार्यरत विजिलेंस टीम को भी शामिल किया जाए। उन्होंने यह भी आग्रह किया है।


