(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
वाराणसी।स्मार्ट हलचल|हर-हर शंभू…की गूंज और रोशनी की लहरों से एक बार फिर काशी जगमगाने को तैयार है। देव दीपावली के पावन अवसर पर वाराणसी में इस बार भव्यता,दिव्यता व आधुनिकता का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। गंगा के घाट दुल्हन की तरह सजाए जा रहे हैं और हर दीप में आस्था की ज्योति जलाने की तैयारियां जोरों पर हैं।देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु इस दिव्य आयोजन के साक्षी बनने काशी पहुंचेंगे। इस बार गंगा पार रेत पर होने वाला कोरियोग्राफ और सिंक्रोनाइज ग्रीन क्रैकर शो मुख्य आकर्षण रहेगा, जो पर्यावरण संरक्षण के साथ श्रद्धा और उत्सव का संगम प्रस्तुत करेगा।
रात 8 बजे से शुरू होने वाला यह 10 मिनट का भव्य ग्रीन एरियल फायर क्रैकर शो शिव भजनों की धुन पर आसमान में नृत्य करता नजर आएगा। हर-हर शंभू, शिव तांडव स्तोत्र और हे शिवा शिवा… जैसे भजनों की ताल पर डमरू की थाप और सतरंगी रोशनी का संगम घाटों को स्वर्गिक आभा से नहला देगा।
इस दौरान गंगा के पार लगभग एक हजार फीट लंबे रेतीले क्षेत्र में आधुनिक तकनीक फायर वन फायरिंग सिस्टम से आतिशबाजी की जाएगी। इन रंगीन पटाखों की चमक 200 मीटर ऊंचाई तक पहुंचेगी और उनकी रोशनी घाटों, गंगा की लहरों और काशी के आसमान को उजाला दे देगी।
गंगा पार की रेत से लेकर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार तक यह शो अपने आप में अनुपम होगा। इस बार खास बात यह है कि संपूर्ण आतिशबाजी ग्रीन क्रैकर्स से होगी, ताकि पर्यावरण पर कोई असर न पड़े और उत्सव का रंग भी बरकरार रहे। आस्था और तकनीक के इस मेल में लेजर शो भी आकर्षण का केंद्र रहेगा। पूर्णिमा की रात में जब रंग-बिरंगी किरणें गंगा के जल पर झिलमिलाती नजर आएंगी, तब पूरी काशी एक दिव्य स्वप्नलोक जैसी प्रतीत होगी।
देव दीपावली के अवसर पर चेतसिंह घाट पर होगा 25 मिनट का ‘काशी कथा’ थ्रीडी प्रोजेक्शन मैपिंग एवं लेजर शो, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक यात्रा पर ले जाएगा। यह शो एक घंटे के अंतराल पर तीन बार—रात 8:15, 9:00 और 9:35 बजे प्रस्तुत किया जाएगा।
‘काशी कथा’ शो की शुरुआत शंखनाद और डमरू की गूंज से होगी। इसके बाद प्रस्तुत की जाएगी काशी की धार्मिक विरासत की जीवंत झलक—भगवान शिव-पार्वती विवाह से लेकर भगवान विष्णु के चक्र पुष्करिणी कुंड, भगवान बुद्ध के धर्मोपदेश, संत कबीर की भक्ति परंपरा, गोस्वामी तुलसीदास की राम भक्ति और महामना मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना तक का अद्भुत प्रदर्शन। यह दृश्य जब गंगा के प्रवाह दीपों की लहरों और श्रद्धालु जनसमूह के साथ एकाकार होगा, तब काशी सचमुच जगमगाती आत्मा का प्रतीक बन जाएगी।
देव दीपावली पर इस बार का आयोजन केवल दीप प्रज्वलन का पर्व नहीं होगा, बल्कि यह काशी की सांस्कृतिक धरोहर, धार्मिक आस्था और आधुनिक तकनीक का ऐसा सम्मिलन होगा जो दुनिया को मंत्रमुग्ध कर देगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस बार देव दीपावली की इस भव्यता को लाइव देखेंगे।
गंगा तट पर गूंजते हर-हर महादेव के जयघोष, नाद करते डमरू, थिरकती रोशनी और लहरों पर झिलमिलाते दीपों के साथ जब काशी का यह दृश्य सामने आएगा, तो हर आंख में भक्ति का उजाला और हर हृदय में शिवत्व का प्रकाश भर जाएगा। देव दीपावली 2025 जहां हर दीप बोले “हर-हर शंभू”, और हर लहर थिरके शिव आराधना के सुर में!


